Operation Sindoor : 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों में मची भारी तबाही, विदेश सचिव का पूरा बयान
"ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों में कितनी तबाही मची? विदेश सचिव विक्रम मिस्री का पूरा बयान पढ़िए, भारत का आतंकवाद पर करारा प्रहार।"

नई दिल्ली: भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक संयुक्त ब्रीफिंग में बताया कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शहीद हो गए थे। इस कायराना हमले का बदला लेने के लिए भारत ने सीमा पार आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए यह निर्णायक कार्रवाई की।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "22 अप्रैल 2025 को, लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी। आतंकियों ने पीड़ितों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मारी। परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश वापस ले जाने के लिए कहा गया। चूँकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से फलफूल रहा था, इसलिए इस हमले का घिनौना उद्देश्य शांति भंग करना और दहशत फैलाना था।"
पहलगाम हमला था मानवता पर कलंक:
विदेश सचिव ने आगे कहा, "पहलगाम में जो हुआ, वह अत्यंत बर्बर और अमानवीय था। पीड़ितों को उनके प्रियजनों के सामने, बेहद करीब से सिर में गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, ताकि वे आतंक का संदेश लेकर लौटें। यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में स्थापित हो रही सामान्य स्थिति को छिन्न-भिन्न करने की एक कायरतापूर्ण कोशिश थी।"
खुफिया एजेंसियों ने दी थी चेतावनी:
उन्होंने यह भी बताया, "हमारी खुफिया एजेंसियों ने लगातार संकेत दिया था कि भारत पर और भी आतंकी हमले हो सकते हैं, और इन आसन्न खतरों को रोकना और उनसे प्रभावी ढंग से निपटना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी।"
भारत ने किया आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग:
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दृढ़ता से कहा, "आज सुबह, भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग किया। हमारी यह कार्रवाई पूरी तरह से लक्षित, सुविचारित, आनुपातिक और जिम्मेदारीपूर्ण थी। हमने केवल आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया।" इस महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत में, भारत पर हुए कुछ भयावह आतंकी हमलों की एक मार्मिक वीडियो क्लिप भी दिखाई गई, जिसमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई आतंकी हमला, उरी, पुलवामा और हालिया पहलगाम हमला शामिल थे।
सेना ने बताया 'ऑपरेशन सिंदूर' का मकसद:
प्रेस ब्रीफिंग में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में विस्तार से बताया, "पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत, हमने पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को सफलतापूर्वक निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। पाकिस्तान की धरती पर पिछले तीन दशकों से आतंकवादी ढांचा लगातार मजबूत हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ था।"
कैसे अंजाम दिया गया 'ऑपरेशन सिंदूर':
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में हमारा पहला निशाना मुजफ्फराबाद में स्थित सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से लगभग 30 किलोमीटर अंदर स्थित है। यह कुख्यात लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र था। दुख की बात यह है कि 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने इसी शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त किया था।"
वायुसेना ने दी सटीक जानकारी:
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के समय और सटीकता के बारे में बताया, "यह ऑपरेशन रात 1 बजकर 5 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच चलाया गया। 'ऑपरेशन सिंदूर' पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके शोक संतप्त परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया एक साहसिक कदम था। हमने नौ आतंकवादी शिविरों को अचूक निशाना बनाते हुए सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। इस ऑपरेशन की योजना बनाते समय इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि किसी भी नागरिक बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे और किसी भी निर्दोष नागरिक की जान खतरे में न पड़े।"
'ऑपरेशन सिंदूर' पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों के लिए एक स्पष्ट और कड़ा संदेश है कि भारत अपनी धरती पर हुए किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषियों को उनके किए की सजा मिलकर रहेगी। यह ऑपरेशन न केवल पहलगाम के पीड़ितों को न्याय दिलाता है, बल्कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के भारत के दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है।