पटना में पुलिस की पिटाई से महिला की मौत का आरोप: गुस्साए ग्रामीणों ने किया रोड जाम, पुलिस पर उठे सवाल; जांच के आदेश

बिहार के पटना में दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र के झबूचक गाँव में एक महिला की पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप है। गुस्साए ग्रामीणों ने रोड जाम कर दिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी को पकड़ने गई थी, नोक-झोंक हुई। डीजीपी के आदेश पर जांच जारी है।

पटना में पुलिस की पिटाई से महिला की मौत का आरोप: गुस्साए ग्रामीणों ने किया रोड जाम, पुलिस पर उठे सवाल; जांच के आदेश
बिहार में महिला की हत्या

बिहार के पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र के झबूचक गाँव में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला की पुलिस की पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया गया है। मृतक महिला की पहचान सतेंद्र बिंद की पत्नी राधिका देवी के रूप में हुई है। महिला की मौत के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने पालीगंज-मसौढ़ी रोड पर इचीपुर के पास शव को रखकर आगजनी कर सड़क जाम कर दिया। जाम की सूचना मिलने के बाद पालीगंज अनुमंडल के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुँची।


बहू ने लगाया पुलिस पर मारपीट का आरोप

पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर यातायात को सुचारू रूप से चालू करवाया। मृतक महिला राधिका देवी की बहू जीरा कुमारी ने बताया कि "शुक्रवार देर रात को लगभग 12 से 1 बजे के आसपास जब हम लोग घर में सोए हुए थे, तब दुल्हिनबाजार थाने की पुलिस दूसरे के घर की छत से होते हुए हमारे घर पर आई।" जीरा कुमारी के अनुसार, "आते ही पुलिस हमको और हमारी सासू माँ को मारने लगी और धक्का दे दिया, जिससे सासू माँ बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं।"

जीरा कुमारी ने आगे बताया, "हम लोगों ने उनको उठाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठीं। तभी एक महिला पुलिसकर्मी ने कहा कि प्याज और पानी दो तो उठ जाएंगी, लेकिन पानी देने के बाद भी मेरी सासू माँ नहीं उठ पाईं क्योंकि उनकी मौत हो चुकी थी। उसके बाद सभी पुलिसकर्मी मेरे घर से निकल गए। हम लोगों को न्याय चाहिए।"


क्या है पूरा मामला? पुलिस की लापरवाही भी सामने आई

बताया जा रहा है कि चार दिन पहले दुल्हिनबाजार थाना क्षेत्र के झबुचक गाँव निवासी पूनम देवी ने अपनी बेटी के अपहरण को लेकर थाने में एफआईआर (FIR) के लिए आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और एफआईआर दर्ज नहीं की।

इसके बाद, पीड़ित महिला डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) विनय कुमार के पास पहुँची और उन्होंने जनता दरबार में पूरी जानकारी दी। डीजीपी ने तत्काल जांच के आदेश पटना एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) को दिए। एसएसपी ने पालीगंज डीएसपी 2 के नेतृत्व में जांच कराई, जिसमें मामला सही पाया गया और पुलिस की घोर लापरवाही भी सामने आई। इसके बाद पटना एसएसपी ने दुल्हिनबाजार थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया और फिर अपहरण का मामला दर्ज हुआ। अपहरण के आरोपियों की तलाश में ही पुलिस शुक्रवार देर रात को मृतक महिला राधिका देवी के घर पर गई थी।


पुलिस का बयान: नोक-झोंक में हुई मौत की आशंका, जांच जारी

इस घटना को लेकर पालीगंज डीएसपी 2 उमेश्वर कुमार चौधरी ने बताया कि "एक महिला पूनम देवी ने दुल्हिनबाजार थाने में अपनी बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। इसी में मृतक महिला के दोनों पुत्र नामजद थे, जिसके बाद शुक्रवार देर रात पुलिस आरोपियों के घर पर उनको पकड़ने गई थी।" डीएसपी ने स्वीकार किया कि "इसी दौरान परिवार के लोगों के साथ पुलिस की नोक-झोंक हुई।" हालांकि, उन्होंने कहा कि "महिला की मौत कैसे हुई है, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है।"

उमेश्वर कुमार चौधरी ने बताया कि "फिलहाल इसके लिए मेडिकल टीम का गठन किया गया है। मेडिकल टीम की सहायता से महिला का पोस्टमार्टम होगा। अगर पुलिसकर्मी इसमें दोषी पाए जाएंगे तो जरूर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" फिलहाल, लोगों को आश्वासन दिया गया है, जिसके बाद जाम को हटाया गया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पटना एम्स (AIIMS) भेजा गया है। यह घटना पुलिस की जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े करती है।