पीलीभीत में मातम: सज-धज कर निकले थे शादी में, रास्ते में मौत ने छीनी खुशियां; राममूर्ति रह गया अकेला

"पीलीभीत में दर्दनाक हादसा, शादी में जा रहे पति-पत्नी और बेटी ट्रक की चपेट में आए, मां-बेटी की मौत, पति गंभीर घायल।"

पीलीभीत में मातम: सज-धज कर निकले थे शादी में, रास्ते में मौत ने छीनी खुशियां; राममूर्ति रह गया अकेला

                                                                                 मां-बेटी की मौत, पति अस्पताल में भर्ती

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में रविवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसे ने एक हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया। शहर के असम चौराहे पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार मां और सात महीने की मासूम बच्ची को कुचल दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। बाइक चला रहे पति गंभीर रूप से घायल हो गए और अब अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस हादसे ने एक परिवार की खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया और राममूर्ति नाम का एक शख्स अकेला रह गया।

बीसलपुर कोतवाली के भदारा गांव के रहने वाले राममूर्ति अपनी 24 वर्षीय पत्नी चांदनी वर्मा और सात महीने की बेटी सौम्या के साथ न्यूरिया थाना क्षेत्र के जोहना पुरी गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपनी बाइक से निकले थे। दोनों मां-बेटी खुशी-खुशी सजे-धजे थे, अनजान थे कि रास्ते में उनका इंतजार मौत कर रही है। जैसे ही उनकी बाइक बीसलपुर-पीलीभीत मार्ग पर शहर के असम चौराहे के पास पहुंची, एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।

यह टक्कर इतनी भीषण थी कि चांदनी और उनकी मासूम बेटी सौम्या ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, राममूर्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलते ही असम चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस की मदद से घायल राममूर्ति को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने मां-बेटी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

हादसे की खबर जैसे ही मृतकों के रिश्तेदारों तक पहुंची, जिला अस्पताल में कोहराम मच गया। अपनों को खोने के गम में डूबे परिजन बेसुध हो गए। सुनगढ़ी इंस्पेक्टर पवन कुमार पांडेय और कोतवाल राजीव कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

मृतक चांदनी का मायका भी बीसलपुर क्षेत्र में ही है। दो साल पहले ही उसकी शादी राममूर्ति के साथ हुई थी और शादी के बाद उनकी प्यारी बेटी सौम्या का जन्म हुआ था। तीनों खुशी-खुशी एक साथ जिंदगी बिता रहे थे और एक शादी में शामिल होने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में एक बेकाबू ट्रक काल बनकर आया और सब कुछ छीन ले गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि असम चौराहे पर बन रहे ओवरब्रिज का निर्माण पिछले दो सालों से कछुए की गति से चल रहा है, जिसके कारण चौराहे पर हमेशा अव्यवस्था बनी रहती है। इसके अलावा, बीसलपुर और पूरनपुर मार्ग पर चलने वाले डग्गामार वाहनों का भी चौराहे पर कब्जा रहता है, जो बेतरतीब तरीके से खड़े रहते हैं, जिससे हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कहीं न कहीं, इस अव्यवस्था और यातायात नियमों की अनदेखी भी इस दर्दनाक हादसे का कारण बनी।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन के महत्व को उजागर किया है। एक हंसता-खेलता परिवार पल भर में उजड़ गया और एक मासूम बच्ची ने दुनिया में आंखें खोलते ही अपनी मां के साथ दम तोड़ दिया। राममूर्ति अब अस्पताल में अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उनके पीछे एक सूना घर और अनगिनत यादें उनका इंतजार कर रही हैं।