मुरादाबाद: देश के पहले होलोग्राफिक प्रोजेक्टर का सफल ट्रायल, जानें इसकी खासियत
Moradabad conducts successful trial of India's first 3D holographic projector at Company Bagh Park. Features local information and communal harmony. 5D motion theater also ready.

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। थाना सिविल लाइंस इलाके के कंपनी बाग पार्क में देश के पहले 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्टर का सफल ट्रायल रविवार को संपन्न हुआ। इस पहले ट्रायल शो का आयोजन किया गया, जिसे लेकर मुरादाबाद के महापौर विनोद अग्रवाल ने इसे नगर निगम द्वारा जिलेवासियों के लिए एक बड़ी सौगात बताया है।
महापौर विनोद अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि मुरादाबाद के लोग जल्द ही इस नई तकनीक का लाभ उठा सकेंगे। ट्रायल शो में जिले की जानकारी और यहां की सांप्रदायिक एकता को दर्शाया गया। उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दोनों परियोजनाओं (3D होलोग्राफिक प्रोजेक्टर और नवनिर्मित 5D मोशन थिएटर) का उद्घाटन कर जनता को समर्पित करेंगे।
मुरादाबाद नगर निगम ने 5D मोशन थिएटर में क्लिप और 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्टर पर शो देखने के लिए 75 से 100 रुपये का शुल्क निर्धारित किया है। महापौर ने जोर दिया कि नगर निगम लगातार मुरादाबाद को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उनका प्रयास है कि शहर के लोग मनोरंजन और जानकारी के लिए अन्यत्र न जाएं, बल्कि बाहर के लोग भी मुरादाबाद की सुविधाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी बताया कि बहुत जल्द 3D होलोग्राफिक प्रोजेक्टर के शो में 'ऑपरेशन सिंदूर' और सेना के शौर्य गाथाओं जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, मुरादाबाद में उत्तर प्रदेश का दूसरा 5D मोशन थिएटर भी बनकर तैयार है, जिसका उद्घाटन भी जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।
वहीं, मुरादाबाद के नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने बताया कि मुरादाबाद जनपद को लगातार सुविधा संपन्न बनाने का कार्य जारी है। शहर में कई ऐसी अनूठी सुविधाएं लाई गई हैं जो पूरे देश में सिर्फ मुरादाबाद में ही उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि शहर के पार्कों को भी इस तरह से विकसित किया गया है कि ऐसी सुविधाएं प्रदेश में कहीं और नहीं मिलेंगी। नगर निगम मुरादाबाद को और उत्कृष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
क्या है 3D होलोग्राफिक टेक्नोलॉजी?
होलोग्राम तकनीक एक ऐसी विधि है जो 3D इमेज या होलोग्राम बनाने के लिए प्रकाश तरंगों और लेजर किरणों का उपयोग करती है। इस तकनीक से बनी छवियां अंतरिक्ष में तैरती हुई प्रतीत होती हैं और देखने में बिल्कुल वास्तविक लगती हैं। ये इमेज ऑप्टिकल होलोग्राफी के विज्ञान के माध्यम से बनाई जाती हैं, जिसमें किसी वस्तु से प्रकाश को पकड़कर उसे तीन आयामी रूप में प्रक्षेपित किया जाता है, जिसे विभिन्न कोणों से देखा जा सकता है। मुरादाबाद में इस तकनीक का पहला सफल ट्रायल देश के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।