Up News : शिक्षकों के सोशल मीडिया पर अब अधिकारी-जासूस राजनीतिक और सांप्रदायिक पोस्ट पर लगाम कसने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में अब शिक्षकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अधिकारियों की नज़र रहेगी ताकि उन्हें राजनीतिक, जातिवादी और सांप्रदायिक विवादों से बचाया जा सके। प्रशासन राजनीतिक पोस्ट पर लगाम लगाने की तैयारी में है।

Up News : शिक्षकों के सोशल मीडिया पर अब  अधिकारी-जासूस  राजनीतिक और सांप्रदायिक पोस्ट पर लगाम कसने की तैयारी

Teachers Social Media Monitoring : उत्तर प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अब प्रशासन की कड़ी नज़र रहेगी। शिक्षकों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक, जातिवादी या सांप्रदायिक विवादों से बचाने के लिए जिला प्रशासन एक नई योजना बना रहा है। पहले चरण में शिक्षकों को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा।


राजनीतिक पोस्ट से बढ़ते विवाद

सोशल मीडिया के बढ़ते दखल से शिक्षा जगत भी अछूता नहीं है। कई बार शिक्षकों द्वारा सोशल मीडिया पर की गई राजनीतिक पोस्ट से विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। हाल ही में एक विद्यालय के शिक्षक पर ऐसे ही आरोप लगे हैं, जहाँ प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई है कि शिक्षक पढ़ाने के बजाय राजनीतिक गतिविधियों में ज़्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं और उनकी Facebook पोस्ट लगातार एक पार्टी और नेताओं को लेकर वायरल हो रही हैं। पिछले साल भी ठाकुरद्वारा के एक शिक्षक की शिकायत की गई थी, जिन पर राजनीतिक पार्टी के नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें वायरल कर प्रभाव दिखाने का आरोप था, जिससे शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा था।


एफआईआर और निलंबन तक की कार्रवाई

पिछले साल एक शिक्षक पर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। उन पर एक प्रदर्शन में शामिल होकर सांप्रदायिक और राजनीतिक एजेंडे में संलिप्त रहने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मेजर डॉ. देवेंद्र सिंह का कहना है कि "शिक्षक की किसी राजनीतिक दल में आस्था हो सकती है। यहां तक कि हाईस्कूल तक पढ़ाने वाले एडेड इंटर कॉलेज के शिक्षक चुनाव भी लड़ सकते हैं, लेकिन उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि राजनीति में उनकी अति सक्रियता तो नहीं है और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से पढ़ाई का मूल कार्य तो प्रभावित नहीं हो रहा है।"

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश शर्मा ने स्पष्ट किया, "सोशल मीडिया पर सक्रिय शिक्षकों को राजनीतिक मामलों से दूर रहना चाहिए। शिक्षक गैर राजनीतिक संघ में ही रह सकते हैं। यदि कोई शिक्षक सोशल मीडिया पर राजनीतिक रूप से टिप्पणी करता है या सक्रिय है, तो वह नियमावली के विरुद्ध है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षक इस्तीफा देकर ही राजनीतिक दलों में सक्रिय रह सकते हैं।"


डीएम बोले- जागरूकता बढ़ाएंगे

जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बताया कि "विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलवाना प्राथमिकता है। सोशल मीडिया पर शिक्षकों को किसी भी प्रकार की राजनीतिक, सांप्रदायिक या जातिवादी टिप्पणियों से बचने के लिए उन्हें जागरूक किया जाएगा। अभी एक कार्यशाला के आयोजन की योजना बनाई जा रही है।" यह कदम शिक्षकों के आचरण को नियंत्रित करने और शैक्षणिक संस्थानों में एक तटस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए उठाया जा रहा है।