यूपी: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के तबादलों में अब माइनस मार्किंग भी लागू, जानें नए नियम और भारांक

उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तबादलों के लिए नए नियम जारी, माइनस मार्किंग सिस्टम लागू, भारांक और आवेदन की शर्तें जानें।

यूपी: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के तबादलों में अब माइनस मार्किंग भी लागू, जानें नए नियम और भारांक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए तबादला प्रक्रिया को लेकर शासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के साथ ही तबादलों के लिए भारांक (weightage) भी घोषित कर दिए गए हैं। इस बार की तबादला प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि इसमें माइनस मार्किंग सिस्टम भी लागू किया गया है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र द्वारा जारी किए गए विस्तृत दिशा-निर्देशों में तबादलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट किया गया है।

किन विद्यालयों में दिखेंगी रिक्तियां?

नए निर्देशों के अनुसार, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में रिक्तियां केवल उन्हीं विद्यालयों में प्रदर्शित की जाएंगी जहां पर सहायक अध्यापकों की संख्या तीन या उससे कम है। इंटरमीडिएट स्तर के विद्यालयों के लिए यह नियम थोड़ा अलग है, वहां यदि तीन सहायक अध्यापक और तीन प्रवक्ता से कम शिक्षक कार्यरत हैं, तभी रिक्तियां दिखाई देंगी। इसका अर्थ है कि यदि किसी विद्यालय में पर्याप्त संख्या में शिक्षक मौजूद हैं, तो वहां तबादले के लिए रिक्ति प्रदर्शित नहीं की जाएगी। हालांकि, सरकार के आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) के लिए इस नियम में छूट दी गई है और इन जिलों के सभी रिक्त पदों को तबादले के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।

ऑनलाइन आवेदन और वरीयता:

तबादले की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न होगी। इच्छुक शिक्षक खाली पदों के लिए अपनी पसंद के अधिकतम 10 विद्यालयों की वरीयता क्रम में आवेदन कर सकेंगे। यह ऑनलाइन सिस्टम शिक्षकों को अपनी पसंद के स्कूलों में तबादला पाने का अवसर प्रदान करेगा।

कौन कर सकेगा आवेदन?

नए नियमों के अनुसार, 31 मार्च 2022 के बाद नियुक्त हुए शिक्षक इस ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया के लिए आवेदन करने के पात्र नहीं होंगे। इसके अतिरिक्त, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज और राजकीय बालिका हाई स्कूल के लिए केवल महिला अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगी, जो लिंग आधारित संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यदि एक ही पद के लिए कई आवेदकों का गुणांक (merit points) समान होता है, तो ऐसी स्थिति में अधिक आयु वाले आवेदक को वरीयता दी जाएगी। यह नियम समान योग्यता वाले शिक्षकों के बीच प्राथमिकता तय करने में मदद करेगा।

भारांक का निर्धारण:

तबादलों में शिक्षकों को विभिन्न कारकों के आधार पर भारांक दिया जाएगा, जो उनकी वरीयता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारांक का निर्धारण निम्नलिखित आधार पर होगा:

  • दिव्यांग आवेदक: 20 नंबर
  • दंपती के राजकीय सेवा में होने पर: 20 नंबर
  • गंभीर बीमार होने या बच्चों के दिव्यांग होने पर: 15 नंबर
  • सेवानिवृत्ति के दो साल से कम होने पर: 15 नंबर
  • पहली नियुक्ति की तिथि से दस साल की सेवा पर: अधिकतम 20 नंबर (सेवा की अवधि के अनुसार अंक दिए जाएंगे)

तबादलों की सीमा और समय-सीमा:

नए निर्देशों के अनुसार, एक विद्यालय से अधिकतम 10 फीसदी शिक्षकों का ही तबादला किया जाएगा। यह सीमा इसलिए तय की गई है ताकि किसी भी विद्यालय में शिक्षकों की कमी न हो और शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो। पूरी तबादला प्रक्रिया को 15 जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तबादलों के लिए लागू किए गए ये नए नियम और भारांक प्रणाली निश्चित रूप से शिक्षकों के तबादलों को अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने में सहायक होंगे। माइनस मार्किंग सिस्टम का समावेश एक नया पहलू है, जिसके बारे में विस्तृत जानकारी आना अभी बाकी है, लेकिन यह प्रक्रिया को और अधिक निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक कदम हो सकता है। शिक्षकों को सलाह दी जाती है कि वे शासन द्वारा जारी किए गए विस्तृत निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और समय-सीमा के भीतर ऑनलाइन आवेदन करें।