अमेरिका में 'एग्रो-टेररिज़्म' का सनसनीखेज खुलासा: चीन पर लगा फसलों को बर्बाद करने वाले फंगस फैलाने का आरोप

अमेरिका में FBI ने चीन और उसके दो नागरिकों पर 'एग्रो-टेररिज़्म' का गंभीर आरोप लगाया है। दावा है कि उन्होंने गेहूं, मक्का जैसी फसलों को तबाह करने वाला एक खतरनाक फंगस (Fusarium graminearum) मिशिगन यूनिवर्सिटी की लैब में छिपाकर लाया था।

अमेरिका में 'एग्रो-टेररिज़्म' का सनसनीखेज खुलासा: चीन पर लगा फसलों को बर्बाद करने वाले फंगस फैलाने का आरोप
अमेरिका में चीन की ओर से जैविक हमले की बड़ी साजिश पकड़ी गई है.

गेहूं, मक्का, चावल... सोचिए अगर एक दिन ये सब खेतों में सड़ने लगें? खाने की ये बुनियादी चीजें ही जहर बन जाएं? अमेरिका में ऐसा ही एक डरावना खेल चल रहा था, जिसे वक्त रहते पकड़ लिया गया है। और इस पूरे खेल के पीछे हैं चीन और उसके दो नागरिक, जिन पर अब 'एग्रो-टेररिज़्म' (खेती के जरिए आतंक फैलाना) का आरोप लगा है।

अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक लैब में चोरी-छिपे एक खतरनाक फंगस लाया गया था। इस फंगस का नाम है Fusarium graminearum। ये कोई मामूली फंगस नहीं, बल्कि गेहूं, मक्का, जौ और चावल जैसी फसलों को जड़ से बर्बाद कर सकता है। यानी सीधे किसानों की कमर तोड़ने वाला हमला। और इसे लाने वाले हैं चीन के युनकिंग जियान (33) और जुनयोंग लियू (34), जिनका सीधा कनेक्शन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) से बताया जा रहा है।


फंगस नहीं, ये है 'जैविक हथियार'

एफबीआई के डायरेक्टर काश पटेल के मुताबिक, ये फंगस अमेरिका के फूड सिक्योरिटी, अर्थव्यवस्था और यहां तक कि लोगों की सेहत के लिए भी बड़ा खतरा है। जुनयोंग लियू ने पहले तो पूछताछ में झूठ बोला, लेकिन बाद में कबूल किया कि वो ये फंगस डेट्रॉयट एयरपोर्ट के रास्ते अमेरिका लेकर आया था। वो भी मिशिगन यूनिवर्सिटी में रिसर्च के नाम पर।


"चीनी कम्युनिस्ट पार्टी हमारी जड़ों पर वार कर रही है"

काश पटेल ने इस मामले को चीन की घुसपैठ की एक और मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि CCP लगातार अमेरिकी संस्थानों में सेंध लगाने और हमारे खाद्य सिस्टम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

एफबीआई का कहना है कि ये सिर्फ तस्करी नहीं, बल्कि अमेरिका के सुरक्षा ढांचे और भरोसे पर सीधा हमला है। डेट्रॉयट फील्ड ऑफिस के स्पेशल एजेंट चेवोरिया गिब्सन ने कहा कि इस मामले में एक यूनिवर्सिटी लैब का गलत इस्तेमाल कर के जैविक एजेंट की तस्करी की गई जो कि सीधे तौर पर पब्लिक सेफ्टी के खिलाफ है।

अभी युनकिंग जियान को डेट्रॉयट की एक संघीय अदालत में पेश किया जाना है। और अगर दोष साबित हुआ, तो ये केस एग्रो-टेररिज़्म के खिलाफ अमेरिका की बड़ी जीत माना जाएगा। यह घटना दर्शाती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के आयाम अब सिर्फ सैन्य और साइबर हमलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जैविक और आर्थिक क्षेत्रों तक भी फैल गए हैं।