Up News : लंका पुलिस ने नाबालिग वाहन चोर को दबोचा, रविदास मंदिर में 500 भक्तों ने ली 'नामदान'
वाराणसी में लंका पुलिस ने एक नाबलिग वहां चोर को गिरफ्तार किया, जिसके पास से दो चोरी की बाइक बरामद हुई। उधर, संत रविदास मंदिर में 61वें स्थापना दिवस पर 500 से ज्यादा श्रद्धालुओ ने संत निरंजन दास से नामदान लिया।

Varanasi News : शहर में दो अलग-अलग घटनाक्रमों में, लंका पुलिस ने वाहन चोरी के एक नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया है, वहीं संत रविदास मंदिर में स्थापना दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने 'नामदान' प्राप्त किया।
लंका पुलिस ने दबोचा नाबालिग वाहन चोर
वाराणसी की लंका पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। प्रभारी निरीक्षक लंका शिवाकांत मिश्र और बीएचयू चौकी प्रभारी सौरभ तिवारी अपनी टीम के साथ लौटूबीर सीर गोवर्धनपुर के पास चेकिंग कर रहे थे।
इसी दौरान एक संदिग्ध बाइक सवार मिला, जिससे पूछताछ करने पर उसके पास वाहन के कागजात नहीं मिले। कड़ाई से पूछताछ करने पर, उसने एक अन्य चोरी की बाइक भी बरामद कराई। पुलिस द्वारा पकड़ा गया यह आरोपी नाबालिग है, जिसके ऊपर पहले से ही दो मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि जिस वाहन का वह उपयोग कर रहा था, उसका नंबर प्लेट बदल कर लगाया गया था।
संत रविदास मंदिर में 500 श्रद्धालुओं ने लिया नामदान
संत रविदास मंदिर सीर गोवर्धनपुर जन्मस्थान मंदिर के 61वें स्थापना दिवस पर सोमवार को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। रविदासिया धर्म संगठन के प्रमुख संत निरंजन दास ने दूर-दूर से आए करीब पांच सौ भक्तों को नामदान (गुरु दीक्षा) प्रदान किया।
स्थापना दिवस के इस खास मौके पर पंजाब, हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा काफी संख्या में एनआरआई भक्त भी पहुँचे थे, जिन्हें रविवार और सोमवार को नामदान दिया गया। इस दौरान मंदिर में भजन-कीर्तन और अमृतवाणी का पाठ लगातार चलता रहा। भक्तों के लिए तीन दिनों तक लंगर का भी आयोजन किया गया।
ट्रस्टी के एल सरोये ने बताया कि संत निरंजन दास ने अपने ट्रस्टियों के साथ श्रद्धालुओं के दान से बन रहे भवन का निरीक्षण भी किया। ट्रस्टी निरंजनदास चीमा ने जानकारी दी कि मंगलवार को सवा तीन बजे बाबतपुर से फ्लाइट है, जिससे सभी लोग पंजाब के लिए रवाना हो जाएंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से जनरल सेक्रेटरी एसपी हीर, किशन लाल सरोआ, निरंजनदास चीमा, देशराज जी, बाबा हरदेव, संत गोपालानंद जी, कबीरदास जी, परविंदर कुमार, कर्मराज, स्वर्ण चन्द्र बंगर, धर्मपाल, सुखराम, जिंदर बाबा सहित बड़ी संख्या में सेवादार और श्रद्धालु मौजूद रहे।