Varanasi News : वाराणसी जासूसी कांड: तुफैल के 19 व्हाट्सएप ग्रुप, 5 करीबियों से ATS करेगी पूछताछ; पहलगाम के बाद के डिलीट मैसेज मिले
वाराणसी जासूसी कांड: तुफैल के व्हाट्सएप ग्रुप और डिलीटेड मैसेज खंगाल रही एटीएस, पांच करीबियों से होगी पूछताछ।

Varanasi News : पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद तुफैल के मामले में जांच तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश एटीएस अब उसके 19 व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े पांच करीबी लोगों से पूछताछ करेगी। ये पांचों व्यक्ति जैतपुरा और आदमपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और तुफैल के सभी व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हैं। वर्तमान में इन सभी की गतिविधियां, बातचीत और मेल-मिलाप एटीएस की कड़ी निगरानी में हैं।
एटीएस को तुफैल के मोबाइल फोन से जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की कुछ व्हाट्सएप चैट और अन्य महत्वपूर्ण डेटा डिलीट मिले हैं। एटीएस की टीम अब इन डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करने का प्रयास कर रही है, जिससे इस संवेदनशील घटना के संबंध में कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके।
गौरतलब है कि एटीएस ने बुधवार को नवापुरा, हनुमान फाटक निवासी मोहम्मद तुफैल को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह लखनऊ की जेल में बंद है। एटीएस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि तुफैल पहले गोलगड्डा स्थित एक मदरसे में पढ़ाया करता था, लेकिन लगभग 14 साल पहले उसने यह काम छोड़ दिया था। वह उर्दू का अच्छा जानकार है जबकि अंग्रेजी का उसे सामान्य ज्ञान है। जांच में यह भी सामने आया है कि तकरीबन सात साल पहले कन्नौज और पंजाब के सरहिंद की यात्रा के दौरान उसकी मुलाकात पाकिस्तान के कुछ लोगों से हुई थी।
व्हाट्सएप ग्रुप पर फैलाता था जहर:
एटीएस के अनुसार, तुफैल अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर यह प्रचार करता था कि पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया को इस्लाम और शरिया कानून ही सही रास्ता दिखा सकता है। बाबरी विध्वंस के विरोध में भड़काऊ वीडियो शेयर कर वह अपने ग्रुप में कहता था कि सच्चा मुसलमान इस अन्याय को कभी नहीं भूलेगा और अल्लाह एक दिन मौका जरूर देगा।
मौलाना साद रिजवी का कट्टर समर्थक:
एटीएस के मुताबिक, तुफैल इस्लामी चरमपंथी दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के नेता मौलाना साद रिजवी की तकरीरों का कट्टर समर्थक बन गया था और वह उन्हीं की तरह मजलिसों में तकरीरें भी करता था। उसे मौलाना साद का भाषण सुनने के लिए एक पाकिस्तानी हैंडलर ने पंजाब के सरहिंद में प्रेरित किया था, जिसके बाद उसे पाकिस्तान के अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। हालांकि, उस पाकिस्तानी हैंडलर की तुफैल से कभी मुलाकात या वीडियो चैट नहीं हुई है।
हनीट्रैप में फंसा:
एटीएस का मानना है कि पाकिस्तानी हैंडलर के माध्यम से ही तुफैल फैसलाबाद की नफीसा के संपर्क में आया और उसके हनीट्रैप में फंस गया। नफीसा के कहने पर ही तुफैल अपने देश के महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की तस्वीरें और विवरण उसके पाकिस्तानी सैनिक पति के लिए भेजने लगा था।
कस्टडी रिमांड पर ले जाएगी एटीएस:
एटीएस अधिकारियों ने बताया कि आगामी मंगलवार तक अदालत से तुफैल की कस्टडी रिमांड मिलने की उम्मीद है। इसके बाद उसे उन सभी स्थानों पर ले जाया जाएगा जहां वह पाकिस्तान के लोगों से मिला था। साथ ही, उन दुकानों पर भी ले जाया जाएगा जहां से उसने नफीसा को देने के लिए गिफ्ट आइटम खरीदे थे। उसने किस रास्ते और किस एजेंसी के माध्यम से नफीसा को उपहार भेजे, इसकी भी पड़ताल की जाएगी।
परिवार शर्मिंदा:
तुफैल के ममेरे भाई सकलैन ने कहा कि वह लगभग आठ साल से उनके घर पर रह रहा था। वह सुबह घर से निकलता था और देर शाम लौटता था, इसलिए उन्हें यह नहीं पता था कि वह मोबाइल पर क्या करता था और किसके संपर्क में रहता था। जब एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया और आरोपों के बारे में बताया तो वे स्तब्ध रह गए। उन्होंने एटीएस से कहा कि वे जो भी सही लगे करें और उनकी ओर से कोई रोक-टोक नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे देश विरोधी किसी भी गतिविधि का समर्थन नहीं करेंगे और तुफैल की करतूत से शर्मिंदा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में उनका कोई रिश्तेदार नहीं है और न ही उनसे कोई लेना-देना है। अगर तुफैल देश विरोधी गतिविधि में शामिल है तो उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए और ऐसे व्यक्ति को वे अपने घर में भी जगह नहीं देंगे।
घर के बाहर प्रदर्शन:
तुफैल की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही नवापुरा, हनुमान फाटक स्थित उसके ननिहाल के बाहर स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। लोगों ने उसका फोटो जलाकर पाकिस्तान और आतंकवाद विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि देश विरोधी कृत्यों में शामिल लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाना चाहिए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया और एहतियात के तौर पर तुफैल के घर और आसपास के इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) के साथ-साथ इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीम भी पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रही है।