विनायक चतुर्थी 2025: कल रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगी, बप्पा बरसाएंगे आशीर्वाद
सनातन धर्म में शुभ योगों का विशेष महत्व है। इस बार विनायक चतुर्थी पर रवि और सर्वार्थ सिद्धि जैसे दो अत्यंत शुभ योगों का अद्भुत संयोग बन रहा है। जानें 2025 में विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और योग, जिनमें पूजा करने से भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा।

सनातन धर्म में किसी भी त्यौहार या पूजा-पाठ के लिए शुभ ग्रहों की दशा, शुभ योग और शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि प्रत्येक पर्व की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस बार विनायक चतुर्थी के पावन अवसर पर दो अत्यंत शुभ योगों का अद्भुत संगम हो रहा है, जो इस व्रत को और भी फलदायी बना रहा है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार, 30 मई, 2025 को विनायक चतुर्थी का व्रत और पूजन किया जाएगा। वैसे तो यह व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन इस बार रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के मिलन से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान विनायक की पूजा और व्रत करता है, उसके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भगवान गणेश देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। वे अपने भक्तों के सभी विघ्नों को हर लेते हैं, इसी कारण उन्हें विघ्नहर्ता की संज्ञा दी जाती है। यह व्रत चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है और इस दिन भगवान गणेश की आराधना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर इस बार कई अत्यंत मंगलकारी योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं वे शुभ मुहूर्त और योग:
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2025:
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04 बजकर 03 मिनट से प्रातः 04 बजकर 43 मिनट तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 12 मिनट से शाम 07 बजकर 33 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से रात्रि 12 बजकर 39 मिनट तक
विनायक चतुर्थी शुभ योग 2025:
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 29 मई को देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 30 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान बनने वाले शुभ योग इस प्रकार हैं:
- वृद्धि योग: विनायक चतुर्थी पर वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ होगा। यह योग किसी भी कार्य में वृद्धि और सफलता प्रदान करने वाला माना जाता है।
- सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग: इस दिन अत्यंत शुभ सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का अद्भुत संयोग सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों योगों को सभी कार्यों में सिद्धि और सूर्य के समान तेज प्रदान करने वाला माना गया है।
- भद्रावास योग: वहीं, इस दिन एक और शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है, जो है भद्रावास योग। यह शुभ योग सुबह 10 बजकर 14 मिनट से दोपहर 03 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस योग में किए गए पूजा-पाठ और शुभ कार्य विशेष फलदायी माने जाते हैं।
इन अत्यंत शुभ योगों में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अत्यधिक फल देने वाला माना जाता है। रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के इस दुर्लभ संयोग में भगवान विनायक की आराधना करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होगा, जिससे उनके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की वृद्धि होगी।