Bengaluru News : बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़ मामला: हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, जांच जारी
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है और एक स्वतंत्र जांच कमेटी के गठन पर भी चर्चा हुई।

कर्नाटक: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत का मामला अब कर्नाटक हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। बुधवार (4 जून, 2025) को हुई सुनवाई में, सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर चूक कहां हुई है। सरकार ने दावा किया कि पुलिस ने शहर भर में पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन अचानक स्टेडियम के बाहर करीब ढाई लाख लोग इकट्ठा हो गए।
मौके पर एंबुलेंस की कमी और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं, जबकि 56 लोग घायल बताए जा रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार होनी चाहिए। इस पर सरकार के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसकी पूरी कोशिश की जा रही है। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या घटनास्थल पर पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस मौजूद थीं, जिस पर वकील ने स्वीकार किया कि जितनी एंबुलेंस की जरूरत थी, उतनी नहीं थीं।
फ्री एंट्री और भीड़ का जमावड़ा
सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि स्टेडियम की क्षमता 30,000 से 35,000 लोगों की थी, जबकि बाहर ढाई लाख लोग मौजूद थे। स्टेडियम में फ्री एंट्री होने के कारण हर कोई अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई। इस घटना के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं और एक मजिस्ट्रेट जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में आने की उम्मीद है। सभी 11 मौतें स्टेडियम के बाहर हुईं, खासकर तीन प्रमुख गेटों के सामने अत्यधिक भीड़ जमा हो गई थी। हालांकि, स्टेडियम में कुल 21 गेट हैं।
जांच और मुआवजे की घोषणा
कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या सभी 21 गेट खुले हुए थे, जिस पर सरकार के वकील ने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक हां, लेकिन बाकी तथ्य जांच में सामने आएंगे। सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि जांच जारी है और जो भी दोषी होगा या जिसकी गलती पाई जाएगी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने भी घटना पर दुख जताते हुए तुरंत मुआवजे का ऐलान किया है। जांच टीम ने लोगों से भी अपील की है कि अगर उनके पास घटना से जुड़ी कोई जानकारी है तो वे साझा करें।
याचिकाकर्ता वकील के सवाल और कोर्ट का स्वतः संज्ञान
कोर्ट में मौजूद दूसरे वकील, जिन्होंने यह याचिका दायर की है, उन्होंने सरकार के वकील से कई तीखे सवाल पूछे:
- खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसका था - राज्य सरकार का या क्रिकेट एसोसिएशन का?
- ऐसे खिलाड़ी जो देश या राज्य के लिए नहीं खेले, क्या उनको सम्मानित करना जरूरी था?
- आखिर कार्यक्रम विधानसभा और चिन्नास्वामी स्टेडियम में दो जगह क्यों किया गया?
- इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए थे?
एक अन्य वकील ने बताया कि स्टेडियम में फ्री एंट्री की घोषणा फ्रेंचाइजी आरसीबी (RCB) की तरफ से की गई थी, और इस दौरान स्टेडियम के सिर्फ तीन गेट ही खुले हुए थे। कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले पर स्वतः संज्ञान (suo motu) लेगा। कोर्ट में मौजूद एक वरिष्ठ वकील ने स्वतंत्र जांच कमेटी बनाने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले में जिन लोगों पर आरोप है, वही जांच कमेटी का हिस्सा हैं।
कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई मंगलवार (10 जून 2025) को करेगा।