अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा, विधायकी पर खतरा
मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है। उनकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। जानें, क्या कहता है कानून और इस मामले से जुड़े अन्य तथ्य।

उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को शनिवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए एक भड़काऊ भाषण से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने मंच से अधिकारियों को खुलेआम धमकी दी थी। कोर्ट ने अब्बास को भारतीय दंड संहिता की चार धाराओं के तहत दोषी माना है।
कोर्ट की सजा के ऐलान के बाद राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या अब्बास अंसारी की विधायकी भी चली जाएगी? क्या उन्हें विधायक पद से हाथ धोना पड़ेगा?
कोर्ट के इस फैसले के बाद अब अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। आइए जानते हैं कि दो साल की सजा के बाद विधायकी को लेकर कानून क्या कहता है?
सदस्यता रद्द होने के मामले में कानून क्या कहता है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102(1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के अनुसार, यदि किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी जाती है। अब्बास अंसारी को दो साल की सजा मिलने के चलते उनकी विधायकी पर खतरे के बादल गहरा गए हैं।
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ सदर सीट से सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के टिकट पर जीत हासिल की थी। उनके खिलाफ आया यह फैसला न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को कमजोर करता है, बल्कि मऊ की राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। अब सभी की निगाहें विधानसभा सचिवालय पर टिकी हैं कि वह उनकी सदस्यता पर क्या निर्णय लेता है?
कोर्ट ने क्या सुनाया है फैसला?
एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. केपी सिंह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब्बास अंसारी को आईपीसी की धारा 189 (लोक सेवक को धमकी देना), धारा 153ए (समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना), धारा 171एफ (चुनाव संबंधी अपराध) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत सजा दी जा रही है।
अदालत ने उन्हें धारा 189 और 153ए के तहत दो-दो साल की सजा, 506 के तहत एक साल और 171एफ के तहत छह महीने की सजा सुनाई है। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं एकसाथ चलेंगी, जिससे अब्बास को कुल दो साल जेल की सजा भुगतनी होगी। साथ ही उन पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
इस मामले में अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है, जबकि एक अन्य सह-आरोपी मंसूर अंसारी को साजिश रचने का दोषी मानते हुए छह महीने की सजा सुनाई गई है।
हेट स्पीच का क्या है मामला?
यह मामला फरवरी 2022 का है, जब अब्बास अंसारी ने मऊ में एक चुनावी जनसभा के दौरान भड़काऊ बयान दिया था। उन्होंने मंच से कहा था कि सत्ता में आते ही वह पुराने अधिकारियों से बदला लेंगे और उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। अब्बास अंसारी के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद चुनाव आयोग के निर्देश पर उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई और अब अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है।