UP News : अब्बास की विधायकी रद्द राजनीति में उमर अंसारी की एंट्री, मऊ सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। अब उनके भाई उमर अंसारी के राजनीति में आने की संभावना बढ़ गई है, और वे मऊ सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं।

Abbas Ansari News : हेट स्पीच मामले में सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया है और चुनाव आयोग को इसकी सूचना भेज दी है। अब अंसारी परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस स्थिति में, अब्बास अंसारी के भाई उमर अंसारी के राजनीति में प्रवेश करने और मऊ सीट से उपचुनाव लड़ने की संभावना प्रबल हो गई है।
मुख्तार अंसारी के निधन, मां आफ्सा अंसारी की फरारी और अब अब्बास अंसारी को सजा मिलने से अंसारी परिवार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अब्बास अंसारी को मऊ कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा सुनाई है, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई है। यदि सीट खाली होती है, तो उपचुनाव कराया जाएगा, और ऐसे में उमर अंसारी के चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्तार अंसारी के निधन के बाद जिस तरह से उमर अंसारी जनता के बीच सक्रिय हैं, उससे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बल मिलता है। अब्बास अंसारी के जेल में रहने के दौरान भी उमर अंसारी उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता के संपर्क में बने हुए हैं। शुक्रवार को कोर्ट में भी उमर अंसारी अपने भाई के साथ मौजूद थे और उन्हें समय-समय पर जानकारी देते देखे गए।
हालांकि, अंसारी परिवार के करीबियों का कहना है कि वे अभी कोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी गाजीपुर में उनके चाचा अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई थी, लेकिन उन्हें अदालत से राहत मिल गई थी।
अब्बास अंसारी को हेट स्पीच और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में शनिवार को सजा सुनाई गई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) डॉ. केपी सिंह ने अब्बास अंसारी को दोषी पाया और उन्हें दो साल की सजा सुनाई। इसके अलावा, विभिन्न धाराओं के तहत 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द होने के बाद अब मऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है। इस सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। देखना होगा कि उमर अंसारी इस राजनीतिक अवसर का किस प्रकार लाभ उठाते हैं।