अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसा: क्या गड़बड़ी वाले प्लेन को लंदन उड़ान की NOC दी गई थी? जांच एजेंसियां जुटा रहीं जवाब
अहमदाबाद विमान हादसे पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं, खासकर यह कि क्या गड़बड़ी वाले प्लेन को लंदन उड़ान के लिए NOC दी गई थी। जांच एजेंसियां CVR और SSFDR की मदद से यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या दोनों इंजन फेल हुए, बर्ड हिट हुआ, या टेक-ऑफ के दौरान पावर कम थी।

Ahmedabad Plane Crash : गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-171, उड़ान भरने के मात्र 50 सेकंड के भीतर क्रैश हो गई। इस दुखद हादसे के बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें एयर इंडिया और बोइंग भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। हालांकि, इस हादसे को लेकर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिनमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या गड़बड़ी वाले प्लेन को लंदन की उड़ान के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) दे दिया गया था?
जांच में CVR और SSFDR की अहम भूमिका
हादसे की असल वजह का पता लगाने में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और सॉलिड स्टेट फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (SSFDR) की अहम भूमिका रहेगी, जिन्हें दुर्घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है। जांचकर्ता कई पहलुओं पर गौर कर रहे हैं:
क्या फाल्टी प्लेन को NOC दी गई थी?
एयर इंडिया के बेड़े में बोइंग का 787-8 ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट, जो इस उड़ान के लिए इस्तेमाल किया गया, 2013 में शामिल हुआ था। लंदन के लिए टेक ऑफ करने से पहले यह एयरक्राफ्ट पेरिस से दिल्ली और फिर 12 जून को दिल्ली से अहमदाबाद एयरपोर्ट लैंड किया था। जिस तरह से प्लेन टेक ऑफ करते ही 50 सेकंड में क्रैश कर गया, उससे यह शंका जताई जा रही है कि क्या इस प्लेन में पहले से ही कोई फॉल्ट था, जिसे नज़रअंदाज़ करके एयरक्राफ्ट इंस्पेक्शन इंजीनियर ने इसे लंदन उड़ान के लिए NOC दे दी थी? हालांकि, पायलटों का कहना है कि कोई भी पायलट जानबूझकर ऐसे प्लेन को टेक ऑफ नहीं कराएगा, जिसके बारे में उसे पता हो कि यह क्रैश का कारण बन सकता है।
क्या दोनों इंजन फेल हो गए थे?
इस मामले को लेकर कई पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों से बात की गई। सभी की बातों में जो एक कॉमन बात निकली, वह यही थी कि किसी भी प्लेन के एक साथ दोनों इंजन फेल होना बेहद असामान्य घटना है। पायलटों ने बताया कि दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई से लेकर सारा कंट्रोल एकदम अलग-अलग होता है, ताकि अगर एक इंजन फेल हो भी जाए तो दूसरा चलता रहे और प्लेन को क्रैश होने से बचाया जा सके। लेकिन जिस तरह से प्लेन टेक ऑफ करने के कुछ सेकंड बाद ही नीचे गिरने लगा, उससे यह तो साफ हो रहा है कि प्लेन की पावर फेल हो गई थी। हालांकि, यह किस कारण से हुई, यह जांच के बाद ही पता लग सकेगा।
क्या बर्ड हिट हो सकता है एक बड़ा कारण?
भारत में अहमदाबाद एयरपोर्ट एक ऐसा एयरपोर्ट है जो बर्ड हिट (पक्षी टकराने) के मामलों में सबसे अधिक बदनाम है। यहाँ बर्ड हिट के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। लेकिन एविएशन की दुनिया में ऐसा होना भी असामान्य ही होता है कि एक साथ दोनों इंजनों में बर्ड हिट हो जाए और उससे दोनों इंजन एक साथ फेल हो जाएँ। इन एयरक्राफ्ट के इंजन भी इतने एडवांस होते हैं कि छोटी बर्ड के टकराने से यह क्रैश नहीं होते हैं। फिर वायरल वीडियो में भी पक्षियों का कोई झुंड ऐसा दिखाई नहीं दे रहा, जो दोपहर के वक्त उधर मौजूद हो। ऐसे में बर्ड हिट का होना और वह भी दोनों इंजनों में एक साथ, बेहद असामान्य है।
टेक ऑफ करते समय ही पावर कम होने का संदेह
वायरल वीडियो में रनवे नंबर-23 से फ्लाइट के टेक ऑफ करते वक्त धूल उड़ती नज़र आती है। पायलटों का कहना है कि इससे यह तो लग रहा है कि टेक ऑफ के वक्त ही इसके इंजनों की पावर कम थी, नहीं तो आमतौर पर टेक ऑफ करते वक्त इतनी धूल नहीं उड़ती। फिर प्लेन कुछ सौ फीट की ऊँचाई पर गया और इसके बाद नीचे गिरता चला गया। हालांकि, इस दौरान ना तो प्लेन इधर-उधर लहराता नज़र आ रहा है और ना ही किसी तरह का उसका संतुलन बिगड़ता दिखाई दे रहा है। देखने से तो लग ही नहीं रहा था कि चंद सेकंड बाद यह क्रैश होने वाला है। लेकिन यह ज़रूर लग रहा है कि प्लेन को उड़ने के लिए पर्याप्त पावर नहीं मिल रही थी, जिससे इसके व्हील भी बंद नहीं हो पाए।
जांच में क्या-क्या चेक किया जाएगा?
जांच में इस प्लेन की कमर्शियल फ्लाइट शुरू होने से लेकर क्रैश होने तक का सारा ट्रैक रिकॉर्ड भी देखा जाएगा। जांच अधिकारी पता करेंगे कि इसमें कब-कब और किस स्तर की ख़राबी आती रही थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस प्लेन में ऐसी कोई बड़ी या छोटी-छोटी तकनीकी खराबी आई हों, जिन्हें नज़रअंदाज़ किया जाता रहा, जो की इसके क्रैश होने का बड़ा कारण बन गईं। मंत्रालय अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के किसी भी क्रैश मामले में न केवल पायलटों बल्कि उस एयरक्राफ्ट की भी पूरी हिस्ट्री चेक की जाती है कि उसमें किस स्तर की खराबियाँ आती रहीं और उन्हें किस स्तर पर और कहाँ ठीक कराया गया। इस गहन जांच के बाद ही इस भयानक हादसे के पीछे के असली कारणों का खुलासा हो पाएगा।