अलीगढ़: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यकारिणी को किया भंग, ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को अनुशासनहीनता के कारण पदमुक्त

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश की पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया और प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को अनुशासनहीनता के कारण पदमुक्त किया। जानिए पूरी कहानी।

अलीगढ़: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यकारिणी को किया भंग, ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को अनुशासनहीनता के कारण पदमुक्त

अलीगढ़: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग किया, ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को पदमुक्त किया

अलीगढ़: करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को अनुशासनहीनता के कारण पद से मुक्त कर दिया गया। साथ ही, उनके नेतृत्व में कार्य कर रहे सभी पदाधिकारियों को भी पदमुक्त कर दिया गया। यह महत्वपूर्ण कदम 16 अप्रैल को उठाया गया था, लेकिन इसके बावजूद ज्ञानेंद्र सिंह चौहान खुद को पदाधिकारी बताते हुए परिचय दे रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए ज्ञानेंद्र सिंह चौहान

शेखर सिंह चौहान की इस कार्रवाई के बाद प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान के लिए यह एक बड़ा झटका था। उन्हें अनुशासनहीनता के कारण पद से हटा दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष बताना जारी रखा। इस संदर्भ में शेखर सिंह चौहान का कहना था कि संगठन में अनुशासन बनाए रखना बहुत जरूरी है और किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रामजीलाल सुमन काफिले पर हमले की जिम्मेदारी

पदमुक्त होने के बाद ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने रामजीलाल सुमन के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी ली थी। यह घटना हाल ही में चर्चा का विषय बनी थी, और चौहान के इस बयान ने मामले को और भी जटिल बना दिया। हालांकि, करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान ने इस हमले से किसी भी प्रकार के संबंध को नकारा किया और कहा कि यह कार्रवाई संगठन की नीति और दिशा के खिलाफ है।

शेखर सिंह चौहान की कार्रवाई

शेखर सिंह चौहान का यह कदम संगठन के अनुशासन को बनाए रखने के लिए था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि करणी सेना में किसी भी सदस्य के द्वारा अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और जो भी इस प्रकार के कृत्य में शामिल होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में, शेखर सिंह चौहान ने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने के बाद नए नेतृत्व की घोषणा की है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संगठन को सही दिशा में चलाया जाए।

संगठन के नए दिशा-निर्देश

इस कार्रवाई के बाद करणी सेना के कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह देखने को मिला है। नए दिशा-निर्देशों के तहत, अब संगठन में अनुशासन और समर्पण को प्राथमिकता दी जाएगी। शेखर सिंह चौहान ने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे संगठन की नीतियों का पालन करें और किसी भी तरह के व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज की सेवा करें।

निष्कर्ष

अलीगढ़ में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर सिंह चौहान द्वारा प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने और ज्ञानेंद्र सिंह चौहान को पदमुक्त करने की घटना ने संगठन के भीतर नई हलचल पैदा कर दी है। यह कदम अनुशासन की अहमियत को दर्शाता है और यह भी बताता है कि कोई भी व्यक्ति संगठन के नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता। अब देखना यह होगा कि करणी सेना के नए नेतृत्व के तहत संगठन में किस प्रकार का बदलाव आता है और यह संगठन समाज में अपनी भूमिका को किस प्रकार आगे बढ़ाता है।