वाराणसी: मालवीय पुल पर भीषण जाम, आदमपुर पुलिस ने दिलाई राहत – यातायात पुलिस बनी रही मूकदर्शक

वाराणसी के मालवीय पुल पर शुक्रवार शाम भीषण जाम लग गया। राहगीर परेशान रहे, जबकि यातायात पुलिस मूकदर्शक बनी रही। आदमपुर पुलिस ने घंटों मशक्कत के बाद जाम से दिलाई राहत।

वाराणसी: मालवीय पुल पर भीषण जाम, आदमपुर पुलिस ने दिलाई राहत – यातायात पुलिस बनी रही मूकदर्शक

वाराणसी: मालवीय पुल पर शुक्रवार शाम लगा भीषण जाम, आदमपुर पुलिस ने दिलाई राहत, यातायात पुलिस पर उठे सवाल

वाराणसी, 1 मई:
शुक्रवार की शाम वाराणसी शहर की सड़कों पर एक बार फिर जाम का कहर टूट पड़ा। आदमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऐतिहासिक मालवीय पुल पर जबरदस्त ट्रैफिक जाम ने न केवल राहगीरों को परेशान किया, बल्कि पूरे शहर की यातायात व्यवस्था को ठप कर दिया। इस दौरान दोपहिया, चारपहिया वाहन और ऑटो-रिक्शा तक रेंगते हुए नजर आए।

पुल पर लगी वाहनों की लंबी कतारें, सायरन बजाती एंबुलेंस तक की रफ्तार थमी और लोगों की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित हुई। हालांकि, घंटों बाद जब आदमपुर पुलिस मौके पर पहुंची, तब जाकर लोगों को थोड़ी राहत मिली। पुलिस ने लगातार प्रयास कर फंसे वाहनों को व्यवस्थित किया और धीरे-धीरे जाम खुलवाया।

मूकदर्शक बनी रही यातायात पुलिस

इस पूरी घटना में सबसे ज्यादा निंदा का पात्र बनी यातायात पुलिस, जो लोगों की नजरों में पूरी तरह निष्क्रिय नजर आई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस के जवान पैदल पथ मार्ग पर खड़े होकर तमाशा देखते रहे, लेकिन उन्होंने जाम छुड़वाने के लिए कोई सक्रिय प्रयास नहीं किया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि यातायात पुलिस के जवानों का व्यवहार ऐसा लग रहा था मानो जाम की जिम्मेदारी केवल आदमपुर पुलिस की हो, क्योंकि यह इलाका आदमपुर थाना क्षेत्र में आता है। राहगीरों का यह भी कहना था कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से कोई पूछने वाला नहीं है, इसलिए वे अपनी ड्यूटी से बचते हुए सिर्फ किनारे खड़े रहते हैं।

पुलिस और प्रशासन से उठी नई मांग

घटना के बाद स्थानीय बुजुर्गों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि नमो घाट पर आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्तों की व्यवस्था की जाए। फिलहाल, नमो घाट के लिए जो मुख्य रास्ता है, वह मालवीय पुल होकर ही गुजरता है, जिससे अक्सर यह पुल ओवरलोड हो जाता है और ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर नमो घाट के लिए वैकल्पिक रास्ता विकसित किया जाए, तो इस तरह के रोज़-रोज़ के जाम से काफी हद तक राहत मिल सकती है। साथ ही, पुल पर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए स्थायी ट्रैफिक पोस्टिंग की भी आवश्यकता है, ताकि यातायात पुलिस हमेशा मौजूद रह सके।

जाम की वजहें और समाधान

विशेषज्ञों के अनुसार, मालवीय पुल की संरचना और उसका एकमात्र संपर्क मार्ग बनना ही इसकी मुख्य समस्या है। नमो घाट पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन, पूजा, और अन्य सामाजिक आयोजनों के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में जब भी कोई बड़ा या भीड़ वाला आयोजन होता है, मालवीय ब्रिज पूरी तरह से ओवरलोड हो जाता है।

संभावित समाधान:

  • नमो घाट के लिए वैकल्पिक मार्ग का निर्माण।

  • मालवीय पुल पर ऑटो और भारी वाहनों के लिए समयबद्ध प्रतिबंध।

  • पुल के दोनों ओर ट्रैफिक गाइड और संकेतक बोर्ड।

  • ट्रैफिक कंट्रोल रूम से CCTV मॉनिटरिंग।

  • स्थायी ट्रैफिक पुलिस की तैनाती।

जनता की पीड़ा और प्रतिक्रिया

पुल पर फंसे एक बुजुर्ग राहगीर ने कहा,
“जाम में घंटों फंसे रहे, कोई सुनवाई नहीं। आदमपुर पुलिस आई तो राहत मिली, वरना ट्रैफिक पुलिस सिर्फ खड़ी रही। अगर कोई मरीज होता तो क्या होता?”

एक स्थानीय व्यापारी ने कहा,
“हर हफ्ते यही हाल है। किसी को फर्क नहीं पड़ता। क्या हमारे टैक्स का पैसा सिर्फ दिखावे के लिए इस्तेमाल होता है?”

प्रशासन की जिम्मेदारी

जनता की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए जिला प्रशासन को जल्द निर्णय लेना होगा। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह सिर्फ एक ट्रैफिक जाम नहीं रहेगा, बल्कि लोगों के जन जीवन, सुरक्षा और विश्वास पर भी संकट खड़ा करेगा।

निष्कर्ष

वाराणसी के मालवीय पुल पर हुआ जाम सिर्फ एक दिन की समस्या नहीं है, बल्कि यह लंबे समय से चली आ रही लापरवाह ट्रैफिक व्यवस्था का प्रतीक बन चुका है। जहां एक ओर आदमपुर पुलिस की तत्परता की सराहना हो रही है, वहीं दूसरी ओर यातायात पुलिस की निष्क्रियता पर उंगलियां उठ रही हैं।

अब वक्त है कि प्रशासन स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाए और वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और भीड़भाड़ वाले शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करे। नहीं तो आने वाले समय में यह समस्या और विकराल रूप धारण कर सकती है।