बरेली का 'अमृत सरोवर' करोड़ों खर्च के बाद भी सूखा: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर उठे सवाल, गंदगी का ढेर बन रहा परिसर
उत्तर प्रदेश के बरेली में करोड़ों की लागत से बना 'अमृत सरोवर' सूखे पड़ा है, जिससे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल उठ रहे हैं। पानी की कमी, खराब फव्वारे और बदहाल व्यवस्था के चलते यह सरोवर शहरवासियों के लिए आनंद का केंद्र नहीं बन पाया है, बल्कि कूड़ा-कचरे का ढेर बन रहा है।

उत्तर प्रदेश: बरेली शहर के बीचों-बीच स्थित संजय कम्युनिटी हॉल परिसर में 'अमृत सरोवर' का निर्माण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई करोड़ रुपए खर्च करके किया गया था। इसका मकसद था कि शहरवासी सुबह-शाम यहां आकर सरोवर के चारों ओर घूमकर प्रकृति का आनंद ले सकें, लेकिन अब यह सरोवर एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहा है। कई दिनों से सरोवर में पानी नहीं है, और यहां लगे फव्वारे पानी की कमी व उपकरणों में खराबी के कारण बंद पड़े हैं।
दरअसल, संजय कम्युनिटी परिसर में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अमृत सरोवर को संवारने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसकी देख-रेख और संचालन के लिए एक एजेंसी भी तय हो चुकी है, लेकिन मौजूदा हालत यह है कि इस सरोवर को सुंदर तरीके से विकसित करने की मंशा पर पानी फिर गया है।
बदहाली का शिकार अमृत सरोवर: सूखा पानी और बदहाल सुविधाएं
इन दिनों सरोवर के हालात साफ तौर पर इसकी बदहाली बयां कर रहे हैं। इसे देखकर लगता है कि इसे सही ढंग से संचालित करना आसान नहीं है। कुछ दिनों पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के पानी से अमृत सरोवर को भरा गया था, लेकिन अब वह भी सूख गया है। इतना ही नहीं, तालाब में लगी रंगीन रोशनी की लाइटें खराब हो गई हैं, जिससे रात में इसकी सुंदरता और भी फीकी पड़ गई है।
सरोवर परिसर में बनी अन्य सुविधाएं भी बदहाल हो गई हैं। खाने-पीने के लिए बनी दुकानें, स्केटिंग ट्रैक, परफॉर्मेंस एरिया, सेल्फी प्वाइंट, कियोस्क, म्यूजिक फाउंटेन और चिल्ड्रंस प्ले एरिया सभी अव्यवस्था का शिकार हो चुके हैं।
सुरक्षा गार्ड भी परेशान: गंदगी और बदतमीजी से बढ़ रही परेशानी
सम्पन्न भारत न्यूज़ से बातचीत में संजय कम्युनिटी हॉल के सिक्योरिटी गार्ड और केयर टेकर ने अपनी परेशानी साझा की। उन्होंने बताया कि अमृत सरोवर उद्घाटन होने के बाद अभी तक ठीक से चालू नहीं हुआ है। वे लोग इतने परेशान हैं कि बाहर के लोग आकर यहां बैठ जाते हैं और कई बार बदतमीजी भी करते हैं। उन्होंने शिकायतें भी की हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चे भी अंदर आकर इसमें कूड़ा फेंकते हैं और चप्पल डालते हैं, जिससे परिसर में गंदगी और बढ़ रही है।