बरेली: सुहागिन महिलाएं बन गईं विधवा, पेंशन के नाम पर हड़पे 22.86 लाख, अब वसूली का नोटिस जारी
In Bareilly, UP, married women fraudulently claimed widow pensions, leading to a ₹22.86 lakh recovery notice. 59 women identified in the scam using fake death certificates.

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला तहसील क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पिछले पांच-छह महीनों से कई विवाहित महिलाओं ने खुद को विधवा बताकर महिला कल्याण विभाग से विधवा पेंशन का लाभ उठाया। इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद अब प्रशासन हरकत में आ गया है और इन अपात्र लाभार्थियों से 22.86 लाख रुपये की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभी तक 59 ऐसी महिलाओं को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
जांच में पता चला है कि इन सभी महिलाओं के पति जीवित हैं और वे खेती-बाड़ी या मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई महिलाएं पिछले 5-6 सालों से विधवा पेंशन का लाभ उठा रही थीं। भीमपुर गांव के प्रधान श्रीपाल ने बताया कि उनके गांव की ही दो महिलाओं को 69-69 हजार रुपये की वसूली का नोटिस मिला है और उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि दोनों महिलाओं के पति जीवित हैं।
ऐसे हुआ गड़बड़ी का खुलासा:
दरअसल, फरवरी महीने में एसडीएम कार्यालय को शिकायतें मिली थीं कि कुछ विवाहित महिलाएं फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर विधवा पेंशन का लाभ ले रही हैं। इसके बाद खंड विकास अधिकारियों ने रामनगर, आलमपुर, जाफराबाद और मझगवां में जांच कराई। इस जांच में बड़ी संख्या में महिलाएं विधवा पेंशन के लिए अपात्र पाई गईं। अब इन सभी अपात्र महिलाओं को वसूली के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही, उनके द्वारा जमा किए गए फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर पेंशन प्राप्त करने के मामले की गहन जांच भी की जा रही है।
डीएम ने कही कार्रवाई की बात:
गांव गोठा खंडूवा, ढकिया, उरला, वरासिरसा, मुगलपुर, टांडा गौटिया, रसूला, भीमपुर, कुंवरपुर, लभारी और नंदगांव की महिलाओं को 14 हजार रुपये से लेकर 69 हजार रुपये तक की वसूली के नोटिस भेजे गए हैं। इस पूरे मामले पर बरेली के जिलाधिकारी (DM) अविनाश सिंह ने सख्त कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं ने गलत तरीके से विधवा पेंशन ली है, उनसे निश्चित रूप से वसूली की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए फर्जी प्रमाणपत्रों की भी जांच हो रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस खुलासे से महिला कल्याण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही की पोल खुल गई है।