Lucknow : यूपी में बिजली की नई दरें सितंबर से पहले होंगी तय

उत्तर प्रदेश में बिजली की नई दरें सितंबर 2025 से पहले तय होंगी। नियामक आयोग ने विद्युत कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव को मंजूरी दी। कंपनियां 12% तक वृद्धि चाहती हैं।

Lucknow : यूपी में बिजली की नई दरें सितंबर से पहले होंगी तय

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। प्रदेश में बिजली की नई दरें आगामी सितंबर माह से पहले ही निर्धारित कर दी जाएंगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा दाखिल किए गए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (Annual Revenue Requirement - ARR) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

विद्युत कंपनियों ने अपनी आपूर्ति के खर्च और राजस्व का ब्योरा आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसमें लगभग 9 से 10 हजार करोड़ रुपये का अंतर दर्शाया गया है। इस अंतर को पाटने के लिए विद्युत कंपनियां बिजली की दरों में करीब 12% तक की बढ़ोत्तरी चाहती हैं। कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 113923 करोड़ रुपये का एआरआर दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने 133779 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता बताई है।

हालांकि, बिजली कंपनियों ने सीधे तौर पर दरों में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं दिया है, बल्कि उन्होंने गेंद नियामक आयोग के पाले में डाल दी है। अब आयोग इन आंकड़ों और आपत्तियों पर विचार करके अंतिम निर्णय लेगा।

इस प्रक्रिया के तहत, नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को भी अपनी बात रखने का अवसर दिया है। 2025-26 के एआरआर पर उपभोक्ता अगले 21 दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद आयोग इन आपत्तियों और विद्युत कंपनियों के प्रस्ताव पर सार्वजनिक सुनवाई करेगा।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि वे बिजली दरों में किसी भी तरह की वृद्धि का पुरजोर विरोध करेंगे और सुनवाई के दौरान कंपनियों के खर्चों के ब्योरे पर सवाल उठाएंगे। उनका कहना है कि उपभोक्ताओं पर पहले से ही काफी बोझ है और किसी भी नई वृद्धि को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

अब सभी की निगाहें नियामक आयोग पर टिकी हैं कि वह उपभोक्ताओं और विद्युत कंपनियों के तर्कों को सुनने के बाद क्या फैसला लेता है। यह तय है कि सितंबर से पहले उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को नई दरों के बारे में जानकारी मिल जाएगी।