बंगाल हिंसा: SIT रिपोर्ट ने खोली TMC की 'हिंदू विरोधी' क्रूरता की पोल, त्रिवेदी का सनसनीखेज आरोप
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि SIT रिपोर्ट से पश्चिम बंगाल सरकार की हिंदुओं के प्रति निर्ममता उजागर हुई है। मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर सेक्युलरिज्म का नकाब उतर गया है।

नई दिल्ली/कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने इस रिपोर्ट के आधार पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर हिंदुओं के प्रति निर्मम रवैया अपनाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर SIT की रिपोर्ट ने तथाकथित सेक्युलरिज्म का नकाब ओढ़े लोगों का असली चेहरा उजागर कर दिया है।
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त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में एक विशेष प्रकार की राजनीति चल रही है, जिसका मकसद देश की सुरक्षा और आंतरिक ताने-बाने को ध्वस्त करना है। उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट की रिपोर्ट से TMC की हिंदू विरोधी क्रूरता अपनी पूरी विद्रूपता के साथ सामने आई है। उन्होंने मुर्शिदाबाद हिंसा की तुलना कश्मीर के पहलगाम में हुई घटनाओं से की, जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जो लोग पाकिस्तान के साथ युद्ध पर सवाल उठाते हैं, वे हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी क्यों साधे रहते हैं? उन्होंने मुर्शिदाबाद में हरगोबिंद दास और चंदन दास नामक पिता-पुत्र की क्रूर हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि इन तथाकथित सेक्युलर लोगों ने इस पर एक शब्द भी नहीं कहा।
कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में बंगाल की सत्तारूढ़ TMC का एक स्थानीय पार्षद महबूब आलम शामिल था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के दौरान हुए हमले हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए थे। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि जब पीड़ित लोगों ने मदद के लिए पुलिस को पुकारा, तो पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
रिपोर्ट में अंधाधुंध आगजनी, लूटपाट और दुकानों व मॉलों को लगातार नष्ट करने की घटनाओं का भी जिक्र है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हिंसा का निर्देशन स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने किया था और स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य हमला 11 अप्रैल 2025 को दोपहर 2.30 बजे के बाद हुआ, जब स्थानीय पार्षद महबूब आलम उपद्रवियों के साथ आए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि समसेरगंज, हिजालतला, शिउलिताला और डिगरी के निवासी अपना चेहरा ढककर आए थे
सुधांशु त्रिवेदी ने इस रिपोर्ट के आधार पर TMC सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह रिपोर्ट राज्य सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता को उजागर करती है। उन्होंने इस मामले की गहन जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अपील की है। इस रिपोर्ट के आने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में और गरमाहट आने की संभावना है।