भारत में तुर्की और अजरबैजान का बहिष्कार शुरू, टूरिज्म और व्यापार पर असर
भारत-पाक तनाव के बीच तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थन के चलते भारतीयों ने इन देशों का बहिष्कार शुरू किया। पर्यटन और व्यापार पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के हालिया दौर के बाद एक नई कूटनीतिक खाई उभरकर सामने आई है। इस बार केंद्र में हैं—तुर्की और अजरबैजान। पाकिस्तान को ड्रोन और मिसाइल जैसी सैन्य मदद देने की मीडिया रिपोर्ट्स के चलते इन दोनों देशों के खिलाफ भारतीय नागरिकों के बीच जबरदस्त असंतोष देखने को मिल रहा है। इसके परिणामस्वरूप सोशल मीडिया और ट्रैवल कम्युनिटी में #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे अभियान तेजी से वायरल हो गए हैं।
2024 में रिकॉर्ड संख्या में गए थे भारतीय टूरिस्ट
इंफोइंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत से करीब 2.50 लाख पर्यटकों ने अजरबैजान और 3 लाख पर्यटकों ने तुर्की की यात्रा की थी। औसतन हर यात्री ने लगभग 1000 अमेरिकी डॉलर (₹85,000) खर्च किए थे। इस तरह इन दोनों देशों को भारत से लगभग 469 करोड़ रुपये की टूरिज्म आय हुई थी।
पूर्वांचल से 15,000 यात्राएं रद्द, बैंकॉक बना नया विकल्प
ऑल इंडिया टूरिस्ट फेडरेशन के अनुसार, केवल पूर्वांचल क्षेत्र से 15,000 से अधिक यात्रियों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए अपनी ट्रिप और टिकट रद्द कर दी है। यह संख्या महज तीन दिनों के भीतर की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह संख्या 25,000 से 30,000 तक पहुँच सकती है। बैंकॉक, बाली और दुबई अब भारतीय पर्यटकों के नए पसंदीदा विकल्प बन रहे हैं।
ट्रैवल कंपनियां भी साथ में
देश की प्रमुख ट्रैवल कंपनियाँ जैसे Cox & Kings, SOTC, EaseMyTrip और एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया यात्रियों से किसी भी तरह का कैंसिलेशन चार्ज नहीं ले रही हैं। इससे साफ है कि ट्रैवल इंडस्ट्री भी जनता के इस मूड को गंभीरता से ले रही है।
तुर्की के साथ व्यापार: 10.43 अरब डॉलर का कारोबार
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और तुर्की के बीच कुल 10.43 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें से 6.65 अरब डॉलर भारत का निर्यात और 3.78 अरब डॉलर आयात था। भारत तुर्की को मुख्य रूप से निम्नलिखित वस्तुएं निर्यात करता है:
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मशीनरी
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पत्थर और प्लास्टर
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लोहे और स्टील
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तिलहन
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अकार्बनिक रसायन
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कीमती पत्थर
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ताजे फल, खासकर सेब
इनमें से कई उत्पादों की माँग भारत के बाजारों में घटने की आशंका जताई जा रही है।
टूरिज्म इनकी इकोनॉमी की रीढ़
तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का बड़ा योगदान है। इनकी जीडीपी का लगभग 10% हिस्सा केवल टूरिज्म से आता है। खास बात यह है कि अजरबैजान आने वाले कुल पर्यटकों में से लगभग 70% पर्यटक भारत से ही आते हैं। यदि भारतीय पर्यटक इन देशों से मुँह मोड़ते हैं, तो यह इनकी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है।
बॉयकॉट कैंपेन का असर दिखने लगा
पाकिस्तान के समर्थन के चलते भारत में आम जनता के बीच तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ नाराज़गी अब स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर हजारों पोस्ट, रील्स और वीडियो वायरल हो चुके हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने टूर कैंसिल करने के स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान तनाव के कूटनीतिक प्रभाव अब वैश्विक स्तर पर दिखाई दे रहे हैं। तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों का खुला समर्थन पाकिस्तान को न केवल सैन्य स्तर पर मदद पहुंचा रहा है, बल्कि भारत में उनकी छवि को भी नुकसान पहुँचा रहा है। यदि भारत के पर्यटक और व्यापारी इन देशों से दूरी बनाना जारी रखते हैं, तो इसका असर उनकी अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है।