OMG! म्यांमार में 6 साल की बच्ची 'आतंकी' बताकर गिरफ्तार, रिटायर्ड आर्मी जनरल की हत्या में शामिल होने का आरोप

म्यांमार में सेना ने एक चौंकाने वाली कार्रवाई करते हुए 6 साल की एक बच्ची को 'आतंकी' बताकर गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची पर एक रिटायर्ड आर्मी जनरल की हत्या में शामिल होने का आरोप है और वह मुख्य आरोपी की बेटी बताई जा रही है। यह घटना 2021 के तख्तापलट के बाद मानवाधिकारों के उल्लंघन और बच्चों की गिरफ्तारी की बढ़ती घटनाओं को दर्शाती है।

OMG! म्यांमार में 6 साल की बच्ची 'आतंकी' बताकर गिरफ्तार, रिटायर्ड आर्मी जनरल की हत्या में शामिल होने का आरोप

यंगून, म्यांमार: म्यांमार में एक बेहद ही चौंकाने वाली और अमानवीय घटना सामने आई है, जहाँ सेना ने मात्र 6 साल की एक बच्ची को 'आतंकी' बताकर गिरफ्तार कर लिया है। इस बच्ची पर एक रिटायर्ड आर्मी जनरल की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। यह घटना म्यांमार की राजधानी यंगून में दिनदहाड़े हुई थी। बच्ची को 15 अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया गया है, जिन पर आतंकी होने का आरोप है।

म्यांमार की सेना समर्थित अखबार 'ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार' के मुताबिक, यह गिरफ्तारी 22 मई 2025 को यंगून में हुई 68 साल के रिटायर्ड ब्रिगेडियर जनरल और पूर्व राजनयिक चो तुन आंग की गोली मारकर हत्या के मामले में की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें यह बच्ची भी शामिल है, जो हत्या के मुख्य आरोपी की बेटी बताई जा रही है।


हत्या की जिम्मेदारी और सेना का दावा

इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डन वैली वॉरियर्स नामक एक विद्रोही संगठन ने ली है, जो सेना विरोधी गतिविधियों में सक्रिय है। उनका दावा है कि चो तुन आंग लगातार सेना के दमनकारी अभियानों का समर्थन कर रहे थे, खासकर आम नागरिकों के खिलाफ, इसीलिए उन्हें निशाना बनाया गया। म्यांमार की सेना ने इस समूह को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।

सेना ने यह भी आरोप लगाया कि इस हत्या के पीछे देश की निर्वासित सरकार नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) का हाथ है। सेना का दावा है कि हत्या करने वाले को लगभग 200,000 क्यात (करीब 95 अमेरिकी डॉलर) दिए गए थे। हालांकि, NUG ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और उनके प्रवक्ता का कहना है कि वे हत्या को बढ़ावा नहीं देते और सेना का यह दावा झूठा है।


तख्तापलट के बाद मानवाधिकारों का हनन

2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद म्यांमार में स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। आम चुनाव से चुनी गई सरकार को हटाकर सेना ने सत्ता हथिया ली थी, जिसके बाद देश में सिविल वॉर जैसे हालात बन गए हैं। विरोध करने वाले आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को भी जेल में डाला जा रहा है। एक स्वतंत्र संस्था AAPP (Assistance Association for Political Prisoners) के अनुसार, अब तक 600 से ज़्यादा बच्चों को गिरफ्तार किया गया है और करीब 6,700 आम नागरिक मारे जा चुके हैं।

हालांकि सेना बार-बार दावा करती है कि उसका अभियान केवल शांति और स्थिरता लाने के लिए है, लेकिन एक 6 साल की बच्ची को 'आतंकवादी' बताकर जेल में डालना इस बात का सबूत है कि म्यांमार में सैन्य शासन अब किसी भी हद तक जा सकता है। यह कदम पूरी दुनिया में म्यांमार की सेना की छवि को और भी ज़्यादा धूमिल कर रहा है।