जबलपुर में पुलिस इंस्पेक्टर ने दंपत्ति से की बदसलूकी, वीडियो वायरल, कार्रवाई की मांग तेज

मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा दंपत्ति के साथ की गई बदसलूकी का वीडियो वायरल हो गया है। लोगों में आक्रोश, अधिकारी बोले—जांच जारी है।

जबलपुर में पुलिस इंस्पेक्टर ने दंपत्ति से की बदसलूकी, वीडियो वायरल, कार्रवाई की मांग तेज

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल उठाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह घटना मझगवां थाना क्षेत्र की बताई जा रही है, जहां एक पार्किंग विवाद के चलते एक पुलिस इंस्पेक्टर ने स्थानीय दंपत्ति को सरेआम घसीटते हुए थाने ले जाने का प्रयास किया। इस घटनाक्रम को मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने कैमरे में कैद कर लिया, जो अब लोगों के आक्रोश का कारण बन गया है।

वीडियो में दिखा इंस्पेक्टर का रौब

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस इंस्पेक्टर अपनी खाकी वर्दी का इस्तेमाल करते हुए दंपत्ति के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है। महिला और उसके पति को अपमानित करते हुए वह उन्हें जबरन खींचते हुए भीड़ के बीच से थाने ले जाने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है।

मामूली विवाद बना अमानवीय कार्रवाई का कारण

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह विवाद सिर्फ बाइक पार्क करने को लेकर शुरू हुआ था। लेकिन मझगवां थाना प्रभारी धन्नू सिंह ने नियंत्रण खोते हुए दंपत्ति के साथ न केवल बदसलूकी की, बल्कि महिला के साथ भी अपमानजनक व्यवहार किया।

जनता में आक्रोश, विरोध प्रदर्शन की चेतावनी

घटना के बाद स्थानीय लोगों और पीड़ित दंपत्ति ने वरिष्ठ अधिकारियों से न्याय की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर दोषी इंस्पेक्टर पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस पूरे प्रकरण ने पुलिस विभाग की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया है।


एसडीओपी ने शुरू की जांच

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीओपी सिहोरा, पारुल शर्मा ने मौके पर पहुँचकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि,

"घटना को गंभीरता से लिया गया है और जांच के बाद दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।"


सीएम के निर्देशों की उड़ाई गई धज्जियाँ

यह घटना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उस आदेश के विपरीत है, जिसमें उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को आम जनता के साथ सम्मानजनक और संवेदनशील व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दिया था। इस घटना ने प्रशासनिक स्तर पर भी सरकार की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


पुलिस सुधार की फिर जरूरत महसूस हुई

यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि पुलिस की कार्यशैली में सुधार और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। आम नागरिकों को अगर उनकी ही सुरक्षा के लिए नियुक्त बल से डर लगने लगे, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है।


निष्कर्ष

मझगवां थाना क्षेत्र में हुई यह घटना केवल एक पुलिसकर्मी की व्यक्तिगत गलती नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था की उस खामी को उजागर करती है, जिसमें शक्ति का दुरुपयोग और संवेदनहीनता बढ़ती जा रही है। वीडियो के वायरल होते ही जनता की प्रतिक्रिया तीव्र हुई है और प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बना है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पुलिस विभाग इस मामले में पारदर्शिता और न्याय के मापदंडों का पालन करता है या एक बार फिर मामला दबा दिया जाता है।