खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार की ऐतिहासिक छलांग, पदकों में 620% की बढ़ोतरी

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार ने पदकों में 620% की बढ़ोतरी करते हुए 14वां स्थान हासिल किया। जानिए कैसे बदल रही है बिहार की खेल संस्कृति।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार की ऐतिहासिक छलांग, पदकों में 620% की बढ़ोतरी

बिहार की खेल क्रांति: खेलो इंडिया 2025 में पदकों की बारिश

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में बिहार ने नया इतिहास रच दिया है। पदक तालिका में 620 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी के साथ बिहार ने 14वां स्थान हासिल किया है। झारखंड जैसे पारंपरिक रूप से मजबूत राज्य को पीछे छोड़कर यह सफलता बिहार के लिए खेल क्षेत्र में नई सुबह की तरह है।


पदक तालिका में बड़ी छलांग

वर्ष स्वर्ण रजत कांस्य कुल पदक स्थान
2018 0 0 1 1 28वां
2019 0 1 4 5 28वां
2020 1 1 7 9 26वां
2021 0 1 1 2 गिरावट
2022 1 1 5 7 25वां
2023 2 0 3 5 21वां
2025 7 11 18 36 14वां

“हम इतिहास रचते हैं” – रविन्द्रण शंकरण

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्रण शंकरण ने इस सफलता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“यह बिहार है। हम इतिहास लिखते नहीं, रचते हैं। हमारे खिलाड़ियों ने अपने सपनों को पंख दिए हैं। राज्य सरकार के सहयोग और प्रशिक्षकों की मेहनत ने यह दिन दिखाया है।”


कैसे हुआ यह परिवर्तन संभव?

  • खास ट्रेनिंग प्रोग्राम: देशी और विदेशी कोच की नियुक्ति।

  • बुनियादी सुविधाओं में सुधार: स्टेडियम, उपकरण और सुविधाएं।

  • खेल विभाग और प्राधिकरण गठन: संस्थागत स्तर पर समर्पित प्रयास।

  • युवा खिलाड़ियों की मेहनत: गांवों और कस्बों से निकलकर राष्ट्रीय पहचान।


किन खेलों में मिली सबसे बड़ी सफलता?

बिहार के खिलाड़ियों ने मणिपुर की पारंपरिक मार्शल आर्ट "थांगटा", रग्बी, एथलेटिक्स, और सेपक टाकरा जैसे स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर चौंकाया है।

खेल स्वर्ण पदक
थांगटा 2
रग्बी 2
एथलेटिक्स 2
सेपक टाकरा 1

बदलते नजरिए और टूटी मानसिक रुकावटें

कल तक जो कहा जाता था कि बिहार में खेल का कोई भविष्य नहीं, अब वही राज्य पूरे देश के सामने खेलों में उदाहरण बन रहा है। यह साबित करता है कि थोड़ा सहयोग और सही दिशा मिले, तो प्रतिभाएं किसी भी राज्य की तस्वीर बदल सकती हैं।