ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे विपक्षी नेताओं को बीजेपी का तीखा जवाब, पाकिस्तान की लोकप्रियता पाने का आरोप
बीजेपी ने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाने वाले विपक्षी नेताओं को दिया तीखा जवाब, पाकिस्तान में लोकप्रियता पाने का लगाया आरोप।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के आरोपों का करारा जवाब दिया है, जिसमें कांग्रेस ने "ऑपरेशन सिंदूर" पर सवाल उठाते हुए सरकार पर मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया था। भाजपा ने कांग्रेस पर राष्ट्रवाद खो देने और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पर पाकिस्तान समर्थक की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस हताशा में ऐसे बयान दे रही है, क्योंकि वह भारतीय सैन्य कार्रवाई के सबूत नहीं मांग पा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नजरों से राष्ट्रवाद पूरी तरह गायब हो चुका है।
त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और जयराम रमेश के बयानों से ऐसा लगता है कि वे पाकिस्तान में लोकप्रियता हासिल करने की होड़ में एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम रमेश की टिप्पणी सभी सांसदों का अपमान है।
उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि उनके नेता या तो भारत की ओर विदेशी ताकतों का ध्यान आकर्षित करने या भारत को बांटने के लिए विदेश जाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी वे विदेश जाते हैं, तो देश को बांटने वाले बयान देते हैं।
त्रिवेदी ने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन के सभी बयानों को पाकिस्तानी मीडिया, पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली, पाकिस्तानी सेना की ब्रीफिंग और यहां तक कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा तैयार किए जा रहे डोजियर में भी उद्धृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन ने पाकिस्तान के पॉपुलर फ्रंट की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जब सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख से अवगत कराने के लिए विदेश जा रहा है, तो कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।
त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा की नीति स्पष्ट है कि ऐसे अवसरों पर, "हमें दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की एकता को प्रदर्शित करना होगा, चाहे हम विपक्ष में हों या सरकार में।" उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे 1995 में विपक्ष में थे, तब पाकिस्तान जिनेवा में कश्मीर पर प्रस्ताव ला रहा था। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव का समर्थन किया था और उनकी सरकार को इसका श्रेय भी दिया था।