Corona Update: सालो बाद लौटा कोरोना वायरस,क्या फिर लग सकता है लॉक डाउन ?

भारत समेत 20 से ज्यादा देशों में कोरोना के मामले बढ़े, एक्सपर्ट्स ने बताई वजह, क्या वायरस फिर हुआ ताकतवर?

Corona Update: सालो बाद लौटा कोरोना वायरस,क्या फिर लग सकता है लॉक डाउन ?

Corona Update:  भारत समेत दुनिया के 20 से अधिक देशों में कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारत में भी सक्रिय कोविड-19 रोगियों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है। इस बार कोविड के मामलों में यह उछाल क्यों आ रहा है, इस बारे में विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हालिया आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में भारत सहित 20 से अधिक देशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। हर दिन संक्रमितों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि इस बार वायरस के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और क्या अबकी बार कोविड पिछले दो-तीन वर्षों की तुलना में अधिक खतरनाक हो गया है? क्या वायरस में कोई चिंताजनक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हुआ है? इस बार कोरोना के पैटर्न पर गौर करें तो JN.1 और BA.2.86 जैसे वेरिएंट्स के मामले बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन वेरिएंट्स में तेजी से फैलने की क्षमता है, हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) या भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि ये वेरिएंट्स पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक खतरनाक हैं।

अगर ये वेरिएंट्स ज़्यादा खतरनाक नहीं हैं, तो फिर मामलों में वृद्धि क्यों हो रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉ. अजीत कुमार बताते हैं कि इस समय मौसम में काफी बदलाव आया है। वातावरण में उमस है, बारिश हो रही है और तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। ये मौसमी परिवर्तन वायरल संक्रमणों के फैलने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करते हैं। इस मौसम में लोगों को आमतौर पर खांसी, जुकाम और हल्के बुखार जैसी समस्याएं होती हैं। फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है, जिससे आसपास मौजूद किसी अन्य वायरस का भी संचरण हो सकता है। चूंकि कोविड-19 पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और इसके वेरिएंट्स में बदलाव आया है, इसलिए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

लोग कोरोना से तेज़ी से संक्रमित क्यों हो रहे हैं? इस प्रश्न के उत्तर में डॉ. अजीत कहते हैं कि प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) में गिरावट इसका एक संभावित कारण हो सकता है। समय बीतने के साथ, लोगों में कोविड-19 के खिलाफ विकसित हुई प्रतिरक्षा कम हो गई है। इसके अतिरिक्त, वैक्सीन की प्रभावशीलता भी समय के साथ कम हो सकती है। इन कारणों से वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। लगातार हो रहे म्यूटेशन के कारण नए-नए वेरिएंट्स सामने आ रहे हैं, जिससे संक्रमण की संभावना बनी रहती है।

क्या वायरस फिर से ताकतवर बन गया है? इस बारे में महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि वर्तमान स्थिति 2020 जैसी खतरनाक बिल्कुल नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि कोविड-19 फिर से बहुत खतरनाक बन गया है। यह अब एक सामान्य फ्लू की तरह ही व्यवहार कर रहा है और अधिकांश मरीजों में गंभीर लक्षण भी नहीं देखे जा रहे हैं। इसलिए, इस स्थिति में घबराने की कोई बात नहीं है। हालांकि, बुजुर्ग, मधुमेह (डायबिटीज), अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोग अभी भी जोखिम में हैं। ऐसे व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

इन बातों का रखें ध्यान:

  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
  • बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
  • हाथ धोने और खांसी-छींक के शिष्टाचार (एटिकेट) का पालन करें।