महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश में रेल परियोजनाओं को मंजूरी, 3,399 करोड़ रुपये होंगे खर्च, 2029-30 तक होंगी पूरी

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रेल परियोजनाओं को मिली मंजूरी, 3,399 करोड़ रुपये होंगे खर्च। 2029-30 तक पूरा होने का लक्ष्य।

महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश में रेल परियोजनाओं को मंजूरी, 3,399 करोड़ रुपये होंगे खर्च, 2029-30 तक होंगी पूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बुधवार को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में यात्रियों और माल के निर्बाध और तेज परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे के तहत दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य रेल नेटवर्क को मजबूत करना और लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करना है।

सीसीईए के अनुसार, इन परियोजनाओं में रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन और वर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपये है और इन्हें 2029-30 तक पूरा कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को कवर करने वाली ये परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।

इन परियोजनाओं के निर्माण के दौरान लगभग 74 लाख दिन के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस निर्णय से यात्रा सुविधा में सुधार होगा, लॉजिस्टिक लागत कम होगी, तेल आयात में कमी आएगी और सीओटू उत्सर्जन कम करने में योगदान मिलेगा, जिससे सस्टेनेबल और कुशल रेल संचालन को बढ़ावा मिलेगा।

सीसीईए के अनुसार, ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो इंटीग्रेटेड योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।

ये मार्ग कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 18.40 एमटीपीए (प्रति वर्ष मिलियन टन) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

रेलवे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, तेल आयात (20 करोड़ लीटर) को कम करने और सीओटू उत्सर्जन (99 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

सीसीईए ने कहा, "ये परियोजनाएं कंटेनर, कोयला, सीमेंट, कृषि वस्तुओं और अन्य वस्तुओं के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण मार्गों पर लाइन क्षमता को बढ़ाकर लॉजिस्टिक्स दक्षता को भी बढ़ाएंगी। इन सुधारों से सप्लाई चेन को अनुकूलित करने की उम्मीद है, जिससे तेज आर्थिक विकास की सुविधा मिलेगी।"

सरकार के अनुसार, बढ़ी हुई लाइन क्षमता गतिशीलता को काफी बढ़ाएगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे के लिए परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार हैं। इन परियोजनाओं से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के रेल नेटवर्क में सुधार होगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।