इलेक्ट्रिक की होड़ में भी टोयोटा की हाइब्रिड कारों का जलवा, 10 में से 8 कारें इसकी बिक रही हैं
जहां ऑटो इंडस्ट्री इलेक्ट्रिक कारों पर जोर दे रही है, वहीं टोयोटा बिना ईवी लॉन्च किए सिर्फ हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के दम पर अप्रैल 2025 में 7000 से ज्यादा कारें बेचकर टॉप पर है।

भारतीय कार बाजार में इन दिनों इलेक्ट्रिक कारों की धूम है। एक ओर जहां टाटा, महिंद्रा, मारुति और हुंडई जैसी कंपनियां ईवी की रेस में लगी हैं, वहीं टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने एक अलग राह चुनी है — हाइब्रिड टेक्नोलॉजी की। और यही रणनीति उसे सबसे आगे ले जा रही है।
जब सब दौड़ रहे हैं ईवी की ओर, टोयोटा बना रही है हाइब्रिड का किला
अप्रैल 2025 में भारत में कुल 8,754 स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारों की बिक्री हुई, जिनमें से अकेले टोयोटा ने 7,007 यूनिट्स बेची। इसका मतलब हर 10 में से 8 हाइब्रिड कारें टोयोटा की हैं।
टोयोटा की प्रमुख हाइब्रिड कारें:
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इनोवा हाइक्रॉस
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अर्बन क्रूजर हाइराइडर
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वेलफायर
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कैमरी
ये सभी मॉडल्स टोयोटा की एडवांस हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से लैस हैं, जो फ्यूल एफिशिएंसी और कम एमिशन में बेहद असरदार साबित हो रही हैं।
अन्य कंपनियों का प्रदर्शन कैसा रहा?
कंपनी | अप्रैल 2025 हाइब्रिड कार बिक्री |
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टोयोटा | 7,007 यूनिट |
मारुति सुजुकी | 1,657 यूनिट (ग्रैंड विटारा, इन्विक्टो) |
होंडा कार्स इंडिया | 90 यूनिट (सिटी हाइब्रिड) |
इन आंकड़ों से साफ है कि टोयोटा हाइब्रिड सेगमेंट में न केवल नंबर 1 है, बल्कि दूसरों से काफी आगे भी है।
क्यों बढ़ रही है हाइब्रिड की डिमांड?
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सरकारी सब्सिडी: कई राज्यों में अब हाइब्रिड कारों पर सब्सिडी दी जा रही है। उत्तर प्रदेश इस मामले में अग्रणी है।
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चार्जिंग की झंझट नहीं: EV के मुकाबले हाइब्रिड कारों को चार्जिंग स्टेशन की जरूरत नहीं पड़ती।
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फ्यूल एफिशिएंसी: पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में हाइब्रिड कारें अधिक माइलेज देती हैं।
टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर का कमाल
टोयोटा की अर्बन क्रूजर हाइराइडर हाइब्रिड वर्जन में 27.97 किमी प्रति लीटर का माइलेज देती है। यह आंकड़ा किसी हैचबैक के बराबर है, जबकि यह एक मिड-साइज SUV है। इस माइलेज के साथ यह परफॉर्मेंस और इकोनॉमी दोनों को संतुलित करती है।
EV बनाम Hybrid: कौन बेहतर?
फीचर | इलेक्ट्रिक कार | हाइब्रिड कार |
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चार्जिंग | जरूरी | नहीं |
इंफ्रास्ट्रक्चर | अनिवार्य | मौजूदा पेट्रोल पंप पर्याप्त |
माइलेज | EV रेंज आधारित | 20-28 किमी/लीटर तक |
लागत | अधिक | तुलनात्मक रूप से कम |
मेंटेनेंस | हाई-टेक | संतुलित |
निष्कर्ष
टोयोटा ने साबित कर दिया है कि हर तकनीकी ट्रेंड को फॉलो करना जरूरी नहीं होता — बल्कि समझदारी से चुनी गई राह भी बड़ा मुनाफा दिला सकती है। जबकि अधिकांश कंपनियां ईवी की दौड़ में लगी हैं, टोयोटा हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से ही बाजार पर राज कर रही है।
भविष्य में जब हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक दोनों का संगम देखने को मिलेगा, तो संभव है कि टोयोटा दोनों मोर्चों पर सबसे मजबूत खिलाड़ी बनकर उभरे।