भारतीय शेयर बाजार: FIIs ने बेचे 6,450 करोड़ के शेयर, DIIs ने लगाई 9,095 करोड़ की बोली

30 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारी बिकवाली की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने जमकर खरीदारी की। जानिए इस दिन के कारोबार का पूरा लेखा-जोखा और बाजार पर इसका क्या असर रहा।

भारतीय शेयर बाजार: FIIs ने बेचे 6,450 करोड़ के शेयर, DIIs ने लगाई 9,095 करोड़ की बोली
डॉलर

30 मई 2025 को भारतीय शेयर बाजार में एक दिलचस्प ट्रेडिंग पैटर्न देखने को मिला। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने इस दिन बाजार में बिकवाली का दबाव बनाया, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने मजबूती से खरीदारी कर इस दबाव को कुछ हद तक कम करने की कोशिश की। आंकड़ों के अनुसार, FIIs ने शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में कुल 6,450 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री की। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बाजार में 9,095 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।

दिन के कारोबार के दौरान, DIIs ने कुल 20,673 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 11,577 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे उनकी शुद्ध खरीदारी 9,095 करोड़ रुपये रही। वहीं, FIIs ने 44,434 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 50,884 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने शुद्ध रूप से 6,450 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।

एक साल में FIIs की भारी बिकवाली:

इस साल यानी 2025 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से कुल 1,21,414 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। वहीं, इसी अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 2,75,264 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि घरेलू निवेशकों ने विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के बावजूद भारतीय बाजार में स्थिरता बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बाजार में मामूली गिरावट:

30 मई के कारोबारी सत्र में बाजार में मामूली गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 50 सूचकांक 0.3% गिरकर 24,751 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स में 0.22% की गिरावट आई। व्यापक बाजार में भी कमजोरी का रुख रहा, जहां निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 दोनों में 0.1% की मामूली गिरावट देखी गई। इस गिरावट का मुख्य कारण सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), धातु (मेटल) और ऑटोमोबाइल (ऑटो) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बिकवाली का दबाव रहा।

बिकवाली के संभावित कारण:

वर्तमान परिस्थितियों में, विदेशी निवेशकों द्वारा की जा रही बिकवाली के पीछे कई वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में लगातार वृद्धि जैसे कारक हो सकते हैं। इसके विपरीत, घरेलू निवेशकों, विशेष रूप से म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों ने भारतीय बाजार में अपना विश्वास बनाए रखा है और वे लगातार निवेश कर रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू निवेशकों की यह सक्रिय भागीदारी विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहने पर भी बाजार को स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

घरेलू निवेशकों का मजबूत समर्थन:

इस प्रकार, 30 मई को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा की गई महत्वपूर्ण बिकवाली के बावजूद, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की मजबूत खरीदारी ने भारतीय शेयर बाजार को एक महत्वपूर्ण सहारा प्रदान किया। हालांकि, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और विदेशी निवेशकों की सतर्कता के कारण बाजार में कुछ अस्थिरता बनी रह सकती है। फिर भी, घरेलू निवेशकों का मजबूत विश्वास और निरंतर निवेश भारतीय बाजार को स्थिरता प्रदान करने में सहायक हो सकता है।