गोपालगंज पुलिस और दुष्कर्मियों के बीच मुठभेड़: यूपी की किशोरी से गैंगरेप के तीनों आरोपी गोली लगने से घायल
गोपालगंज में यूपी की 17 वर्षीय लड़की से गैंगरेप के आरोपियों को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग, जवाबी कार्रवाई में तीनों आरोपी गोली लगने से घायल। देसी कट्टा व रिवॉल्वर बरामद।

गोपालगंज।
बिहार के गोपालगंज जिले में मानवता को शर्मसार करने वाले गैंगरेप मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ़्तार कर लिया है। यह मामला उस समय सामने आया जब उत्तर प्रदेश की रहने वाली 17 वर्षीय किशोरी, अपने बीमार पिता के इलाज के बाद ट्रेन से घर लौटने के लिए स्टेशन पर रात गुज़ार रही थी। सोमवार की सुबह सासामुसा रेलवे स्टेशन पर तीन युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर उसे बेरहमी से पीटा।
घटना की पृष्ठभूमि
पीड़िता कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) की निवासी है, जो अपने लकवाग्रस्त पिता का इलाज कराने बिहार आई थी। इलाज के बाद वह सासामुसा स्टेशन से लौटने की तैयारी कर रही थी लेकिन ट्रेन छूटने के कारण रात स्टेशन पर ही ठहर गई। इसी दौरान दरिंदों ने उसे अकेला पाकर बर्बरता की हदें पार कर दीं। पीड़िता के शरीर पर गहरे जख्म और नाखूनों के निशान मिले हैं। आरोपियों ने पीड़िता के कान और नाक के गहने भी छीन लिए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और मुठभेड़
पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि तीनों आरोपी कुचायकोट थाना क्षेत्र के पेटभरिया चंवर इलाके में छिपे हुए हैं। रात के अंधेरे में जब पुलिस की टीम उन्हें पकड़ने पहुंची, तो आरोपियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली तीनों आरोपियों के पैरों में लगी, जिसके बाद उन्हें दबोच लिया गया।
अस्पताल में भर्ती, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
तीनों घायलों को तुरंत गोपालगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि किसी तरह की असुविधा या गड़बड़ी ना हो। पुलिस ने आरोपियों के पास से देसी कट्टा, रिवॉल्वर और कारतूस भी बरामद किए हैं।
पुलिस का बयान
सदर एसडीपीओ प्रांजल ने बताया कि यह मुठभेड़ आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई थी। पुलिस ने संवेदनशीलता के साथ पूरे मामले को हैंडल किया और पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए हैं।
जनता में संतोष, लेकिन सवाल कायम
इस बर्बर कांड के बाद पूरे इलाके में रोष फैल गया था। लेकिन पुलिस की सक्रियता और सटीक कार्रवाई ने लोगों में विश्वास जगाया है। हालांकि यह भी साफ है कि रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।