Patna News: पटना की सड़कों पर जाम से मिलेगी राहत, ₹22.14 करोड़ की योजना स्वीकृत
पटना के यातायात को सुगम बनाने के लिए ₹22.14 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है, जिसके तहत मुख्य सड़कों का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण होगा। यह निर्णय बढ़ते यातायात दबाव के कारण लिया गया है, जिसकी जानकारी उप मुख्यमंत्री ने दी।

Patna News : राजधानी पटना के निवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। शहर में आए दिन लगने वाले भीषण जाम से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है। यातायात व्यवस्था को सुगम और सुचारू बनाने के उद्देश्य से ₹22.14 करोड़ की एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत शहर की कई प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण किया जाएगा।
राज्य के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना पटना के यातायात ढांचे को मजबूत करने और सड़कों की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि अक्सर जाम के कारण नागरिकों को होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
इन मार्गों का होगा कायाकल्प:
उप मुख्यमंत्री ने उन प्रमुख मार्गों की भी जानकारी दी जिनका इस योजना के तहत उद्धार किया जाएगा। इनमें विवेकानंद मार्ग, बोरिंग रोड से लेकर पश्चिम बोरिंग कैनाल रोड स्थित प्रसिद्ध पंचमुखी हनुमान मंदिर तक का हिस्सा शामिल है। इसके अतिरिक्त, इन मुख्य मार्गों से जुड़ने वाले कई संपर्क पथ जैसे इन्दिरा सिन्हा पथ, राजेन्द्र पथ, वीर शिवाजी पथ, वीर कुंवर सिंह पथ, रामकृष्ण पथ, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग, मदर टेरेसा मार्ग, तिलक मार्ग और कस्तूरबा पथ भी चौड़े और मजबूत किए जाएंगे। इस पूरे कार्य के लिए कुल ₹2214.67 लाख की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।
क्यों जरूरी हुआ चौड़ीकरण?
इस योजना की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया गया है। इसके बाद राजधानी पर यातायात का दबाव बढ़ना स्वाभाविक है। इसके अलावा, जेपी गंगा पथ का भी लगातार विस्तार हो रहा है, जिसके कारण शहर की मौजूदा सड़कों को चौड़ा और मजबूत करना जरूरी हो गया था। इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए लोक वित्त समिति और स्थायी वित्त समिति ने पटना की सड़क विकास योजना की अनुशंसा की थी।
कार्य किस प्रकार होगा?
उप मुख्यमंत्री ने कार्य प्रक्रिया के बारे में भी स्पष्ट जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि कोई सड़क किसी अन्य विभाग के अधीन है, तो उस पर कार्य तभी शुरू किया जाएगा जब उसका विधिवत हस्तांतरण हो चुका होगा। इसके अलावा, यदि किसी मार्ग पर पहले से कोई कार्य हुआ है, तो उसकी डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड (डीएलपी) यानी रखरखाव की अवधि समाप्त होने के बाद ही नया कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
राज्य सरकार का यह कदम निश्चित रूप से पटना के नागरिकों के लिए राहत की खबर है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से शहर में यातायात व्यवस्था सुधरेगी और लोगों को जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकेगी। अब देखना यह है कि यह योजना कितने समय में धरातल पर उतरती है और पटना के यातायात को कितना सुगम बना पाती है।