Hathras UP: हाथरस सत्संग हादसा: स्थगन के कारण नहीं हुई सुनवाई, अगली तारीख 15 मई तय

Hathras UP: हाथरस सत्संग हादसे में 121 लोगों की मौत और 250 घायल हुए थे। अदालत में स्थगन प्रार्थना पत्र के कारण 2 मई को सुनवाई नहीं हो सकी, अब अगली तारीख 15 मई तय की गई है।

Hathras UP: हाथरस सत्संग हादसा: स्थगन के कारण नहीं हुई सुनवाई, अगली तारीख 15 मई तय

Hathras UP — सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि द्वारा 2 जुलाई 2024 को सिकंदराराऊ तहसील के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ के मामले में अदालत की सुनवाई फिलहाल टल गई है। अब अगली सुनवाई 15 मई 2025 को निर्धारित की गई है।

यह भगदड़ एक भयावह त्रासदी बन गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 250 लोग घायल हुए थे। यह मामला इस समय हाथरस के सत्र न्यायाधीश सतेंद्र कुमार की अदालत में विचाराधीन है।

स्थगन प्रार्थना पत्र बना बाधा

2 मई 2025 को इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख तय थी, लेकिन बचाव पक्ष द्वारा स्थगन प्रार्थना पत्र दायर किए जाने के कारण अदालत में आरोपों पर बहस नहीं हो सकी। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए अब 15 मई की तारीख मुकर्रर की है।

11 आरोपी, 676 गवाह, 3200 पन्नों का आरोप पत्र

पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 11 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है, जो कुल 3200 पन्नों की है। साथ ही, 676 गवाहों की सूची भी अदालत में प्रस्तुत की गई है।

आरोपियों के नाम:

  1. देव प्रकाश मुधकर

  2. मेघ सिंह

  3. मुकेश कुमार

  4. मंजू देवी

  5. मंजू यादव

  6. राम लड़ेते

  7. उपेंद्र सिंह

  8. संजू कुमार

  9. राम प्रकाश शाक्य

  10. दुर्वेश कुमार

  11. दलबीर सिंह

इन सभी को पुलिस द्वारा सत्संग के आयोजन में लापरवाही, अव्यवस्था और भीड़ नियंत्रण की विफलता के आरोप में अभियुक्त बनाया गया है।

क्या था हादसे का कारण?

प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। भगदड़ के समय पुलिस व्यवस्था और सुरक्षाकर्मी नदारद थे, जिससे हालात बेकाबू हो गए। कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

मामले पर आगे की कार्यवाही

अब अदालत इस मामले में 15 मई को सुनवाई करेगी, जिसमें आरोपों पर बहस जारी रहेगी। उम्मीद की जा रही है कि इस तारीख पर बचाव पक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा, और अदालत आरोप तय करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।