भारत से जंग हुई तो कितने दिन टिकेगा पाकिस्तान? हथियारों की कमी और भारत की तैयारी का सच!

"भारत से जंग हुई तो कितने दिन टिकेगा पाकिस्तान? जानें पाकिस्तान में हथियारों की कमी, भारत की तैयारी और दोनों देशों के बीच तनाव का पूरा सच।"

भारत से जंग हुई तो कितने दिन टिकेगा पाकिस्तान? हथियारों की कमी और भारत की तैयारी का सच!

                                                                                                भारत पाकिस्तान तनाव

पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। आतंक के पनाहगार पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। हमारी सेनाएं अलर्ट मोड पर हैं और सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इस तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि पाकिस्तान की सेना हथियारों की भारी कमी से जूझ रही है, खासकर तोपों के लिए गोला-बारूद की। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर जंग हुई तो पाकिस्तान भारत के सामने कितने दिन टिक पाएगा? आइए जानते हैं इस संकट की वजह और भारत की तैयारी का पूरा सच।

पाकिस्तान में गोला-बारूद का गंभीर संकट:

भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना एक और बड़े संकट का सामना कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी तोपों में इस्तेमाल होने वाले गोला-बारूद का भंडार तेजी से घट रहा है। अब पाकिस्तान के पास मुश्किल से 96 घंटे यानी चार दिन तक ही किसी बड़े युद्ध में अपनी तोपों और रॉकेट सिस्टम को चलाने लायक गोला-बारूद बचा है। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि उसकी सैन्य रणनीति भारत के मुकाबले तेजी से मोर्चा संभालने पर निर्भर करती है, जिसके लिए उसे 155 मिमी के गोले और 122 मिमी के रॉकेट की भारी जरूरत होती है, जो अब उनके स्टॉक में लगभग नहीं हैं। पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री, जो सेना के लिए गोला-बारूद बनाती है, पुरानी तकनीक और वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग के कारण नई सप्लाई जुटा पाने में नाकाम साबित हो रही है।

यूक्रेन को हथियार बेचकर खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी:

पाकिस्तान में गोला-बारूद की इस कमी का सबसे बड़ा कारण खुद उसकी नीतियां हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने यूक्रेन को भारी मात्रा में गोला-बारूद बेचा है, जिसके चलते उसके अपने सैन्य भंडार लगभग खाली हो गए हैं। अब पाकिस्तानी सेना कमजोर रक्षा तैयारियों के साथ खड़ी है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान की आर्थिक हालत भी इतनी खस्ता है कि वह खुद गोला-बारूद का उत्पादन बढ़ा सके। वहां महंगाई आसमान छू रही है, कर्ज लगातार बढ़ रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। इस आर्थिक संकट का सीधा असर सेना पर पड़ रहा है, जहां अब राशन में कटौती की जा रही है, सैन्य अभ्यास रोके जा रहे हैं और ईंधन की कमी के कारण युद्धाभ्यास तक स्थगित करने पड़ रहे हैं।

                                                                                      सीमा सुरक्षा बल

गीदड़ भभकियों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान:

हथियारों की कमी और गोला-बारूद के संकट से जूझ रहा पाकिस्तान फिर भी गीदड़ भभकियां देने से बाज नहीं आ रहा है। तनाव बढ़ने का एक बड़ा कारण यही है। एक तरफ जहां हथियारों का भंडार खाली होता जा रहा है, वहीं पाकिस्तानी राजदूत धमकी देते हैं कि अगर भारत ने हमला किया तो इस्लामाबाद परमाणु हथियारों समेत अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगा। शायद वे यह भूल गए हैं कि उनका देश पाई-पाई के लिए दुनिया भर में मदद की गुहार लगा रहा है और उनकी अपनी जनता आटे और पानी के लिए तरस रही है। इससे पहले भी कई पाकिस्तानी मंत्रियों ने भारत पर हमले की गीदड़ भभकियां दी हैं।

घबराहट में लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन:

पाकिस्तान इस कदर घबराया हुआ है कि वह लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। पिछले 11 दिनों से पाकिस्तानी चौकियों से लगातार गोलीबारी की जा रही है, जिसका भारतीय सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी जमीन से जमीन पर मार करने वाली अब्दाली मिसाइल का परीक्षण करने का दावा किया है, जिसकी रेंज 450 किलोमीटर है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड एयरबेस पर तैनात किया हुआ है और उसके विमान लगातार निगरानी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन निगरानी उड़ानों और सैनिकों की मूवमेंट पर पाकिस्तान की सेना हजारों करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

पहलगाम के बाद भारत की सख्त कार्रवाई:

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है, पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए हैं, पाकिस्तानी एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और पाकिस्तान से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल रोक लगा दी है। इसके साथ ही, पाकिस्तान से आने वाले डाक-पार्सल और पाकिस्तानी झंडा लगे जहाजों को भी भारतीय बंदरगाहों पर रुकने से मना कर दिया गया है।

पहलगाम में क्या हुआ था:

22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर की बैसरन घाटी में घूमने आए निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। इस हमले में एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोग मारे गए थे। आतंकवादियों ने गैर-मुस्लिम पर्यटकों को निशाना बनाया था और उनकी पहचान पूछकर उन्हें गोली मारी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद कड़ी कार्रवाई का वादा किया है।

पाकिस्तान की मौजूदा हालत और भारत की मजबूत तैयारी को देखते हुए, अगर दोनों देशों के बीच कोई सैन्य संघर्ष होता है तो पाकिस्तान के लिए टिक पाना बेहद मुश्किल होगा। हथियारों की कमी, आर्थिक संकट और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान की गीदड़ भभकियां उसकी desperation को दर्शाती हैं। भारत हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।