लंदन में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार और प्रतिनिधिमंडल का शाही खर्च: 3.5 करोड़ टका होटल पर उड़ाए, आम जनता हैरान
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और उनके प्रतिनिधिमंडल ने लंदन दौरे पर डोरचेस्टर होटल में ₹3.5 करोड़ टका खर्च कर दिए। इस शाही खर्च पर बांग्लादेश में आम जनता हैरान और आक्रोशित है, खासकर तब जब देश की प्रति व्यक्ति आय कम है।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार और उनके प्रतिनिधिमंडल का हालिया लंदन दौरा, उनके शाही खर्चों को लेकर विवादों में घिर गया है। लंदन के प्रतिष्ठित द डोरचेस्टर होटल में ठहरे इस प्रतिनिधिमंडल ने सिर्फ होटल पर ही कुल 3.5 करोड़ टका (लगभग £210,325) खर्च कर दिए, जिससे आम बांग्लादेशी नागरिक हैरान और आक्रोशित हैं।
मुख्य सलाहकार और बेटी के लिए आलीशान सुइट
मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस हाल ही में चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर लंदन पहुंचे थे। अकेले उनके लिए बुक की गई डोरचेस्टर प्रेस्टिज सुइट की चार दिन की कीमत ही £24,180 (40 लाख टका से ज़्यादा) रही। गौरतलब है कि लंदन में यूनुस की इच्छा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मिलने की थी, मगर उन्होंने यूनुस से मिलने से इनकार कर दिया।
इतना ही नहीं, मुख्य सलाहकार के साथ आई उनकी बेटी दीना अफरोज यूनुस के लिए भी बेहद महंगा 'डोरचेस्टर सुइट' बुक किया गया, जिसकी कीमत चार दिन के लिए £20,000 (33 लाख टका से अधिक) रही। सिर्फ कमरों की बात करें, तो कुल 37 लग्जरी कमरे बुक किए गए, जिनमें सबसे सस्ते चार कमरों का किराया भी £19,800 (लगभग 33 लाख टका) रहा।
खाने-पीने पर भी जमकर उड़ाए पैसे
दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने न सिर्फ लग्जरी कमरों में ठहराव किया, बल्कि खाना-पीना भी शाही अंदाज़ में हुआ। सिर्फ चार दिन की डिनर पार्टी का खर्चा £6,500 (10.75 लाख टका) बताया गया है। इसके अलावा, 12 जून को एक इवेंट के लिए पार्क सुइट बुक की गई, जिसकी कीमत £2,000 (3.3 लाख टका) रही।
कुल खर्च और संदिग्ध प्राथमिकताएं
दस्तावेजों के मुताबिक, लंदन दौरे पर कुल खर्च 6 करोड़ टका के करीब पहुँच गया, जिसमें होटल, हवाई सफर, खाने-पीने और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं। यह खर्च ऐसे समय में सामने आया है जब बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय मात्र $2,820 है और देश ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के करप्शन इंडेक्स में 180 में से 151वें पायदान पर है। ऐसे में सरकारी खर्च पर इस तरह की शाही मेहमाननवाज़ी को लेकर सवाल उठना लाज़िमी है। यह मामला अब सोशल मीडिया पर चर्चा में है और बांग्लादेशी नागरिकों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है, जो इसे सरकारी धन का दुरुपयोग मान रहे हैं।