भारत-पाक तनाव के बीच मानवता का जज्बा: कोटा के 600 डॉक्टर्स सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा देने को तैयार

भारत-पाक तनाव के बीच कोटा मेडिकल कॉलेज के 600 डॉक्टर्स ने भारतीय सेना को चिकित्सा सेवाएं देने की पेशकश की। युद्ध जैसे हालात में देश सेवा के लिए आगे आए युवा डॉक्टर्स। जानें पूरी खबर।

भारत-पाक तनाव के बीच मानवता का जज्बा: कोटा के 600 डॉक्टर्स सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा देने को तैयार

कोटा: अक्सर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले राजस्थान के कोटा मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स ने इस बार एक ऐसा कदम उठाया है, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, कॉलेज के 600 से अधिक युवा डॉक्टर्स ने भारतीय सेना के साथ मिलकर आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की इच्छा जताई है। इन डॉक्टर्स ने इस नेक पहल के लिए जयपुर स्थित दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) को एक पत्र लिखकर अपनी स्वेच्छा जाहिर की है।

डॉक्टर्स ने सेना को लिखा भावुक पत्र:

रेजीडेंट डॉक्टर्स द्वारा सेना को लिखे गए पत्र में उन्होंने वर्तमान राष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए आपदा प्रबंधन में अपना सक्रिय योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई है। कोटा रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हेमंत शर्मा और महासचिव डॉ. सुखबीर सिंह कविया द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि जिस प्रकार कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी में देश के चिकित्सकों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर सेवा की, उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उनकी संस्था भी राष्ट्र सेवा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

डॉक्टर्स ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि वे न केवल जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हैं, बल्कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में एक अनुशासित और संगठित टीम के रूप में कार्य करने की क्षमता भी रखते हैं। उनका यह कदम चिकित्सा जगत के युवाओं की जिम्मेदारी और उनके अंदर छिपी देशभक्ति की भावना का एक উজ্জ্বল उदाहरण है।

इंटर्न डॉक्टर्स को मिला विशेष मार्गदर्शन:

इस सराहनीय पहल को और आगे बढ़ाते हुए, कोटा मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने इंटर्न डॉक्टर्स की एक विशेष बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने इंटर्न्स को किसी भी आपातकालीन स्थिति में चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहने का आह्वान किया। इसके साथ ही, उन्होंने तनावपूर्ण परिस्थितियों में मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए योग और ध्यान जैसी तकनीकों का अभ्यास करने की सलाह भी दी।

इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विसेज में मेडिकल ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए जारी की गई विज्ञप्ति भी इंटर्न डॉक्टर्स के साथ साझा की गई, ताकि वे राष्ट्र सेवा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रेरित हो सकें। बैठक में एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. दिनेश वर्मा, डॉ. सौरभ शर्मा और डॉ. राहुल अग्रवाल जैसे वरिष्ठ चिकित्सक भी मौजूद रहे, जिन्होंने युवा डॉक्टर्स का मार्गदर्शन किया।

राष्ट्र सेवा के प्रति डॉक्टर्स का अटूट संकल्प:

कोटा के रेजीडेंट डॉक्टर्स की यह पहल न केवल चिकित्सा क्षेत्र में एक नया और प्रेरणादायक अध्याय जोड़ती है, बल्कि देश के युवाओं में राष्ट्र सेवा की भावना को भी प्रबल करती है। आपदा की इस घड़ी में इन युवा डॉक्टर्स का यह सकारात्मक कदम समाज और राष्ट्र को एक अटूट मजबूती प्रदान करता है, यह दर्शाता है कि मानवता और देशप्रेम की भावना आज भी युवाओं के दिलों में जीवित है।