क्या वाकई खत्म होगा 'टैरिफ का तमाशा'? ट्रंप के 'जीरो टैक्स' वाले बयान में कितना दम?
Donald Trump ne kaha ki India ne America se import hone wale saman par 'zero tariff' ka offer diya hai. Kya isse tariff war khatam hoga? Jaaniye puri khabar.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपनी बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने कतर की धरती से एक बड़ा दावा किया है - कि भारत ने अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर 'जीरो टैरिफ' यानी शून्य शुल्क का ऑफर दिया है। उनके इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। क्या वाकई दुनिया भर में चल रहे टैरिफ वॉर का अंत करीब है?
याद कीजिए, कुछ ही समय पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की बात कही थी। अब अचानक उनका ये 'जीरो टैक्स' का राग समझ से परे है। रॉयटर्स की मानें तो कतर में अपने प्रवास के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को एक व्यापार समझौता पेश किया है, जिसके तहत अमेरिका से आने वाले ज्यादातर सामान पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में मध्यस्थता करने की इच्छा जताई थी और दोनों देशों को व्यापार बंद करने तक की धमकी दे डाली थी। वहीं, कुछ दिन पहले ही उन्होंने भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर 'बेहतरीन बातचीत' चलने की बात कही थी। चीन के साथ भी उन्होंने टैरिफ को कम करने पर सहमति जताई थी।
अब सवाल यह है कि इस 'जीरो टैक्स' ऑफर में कितनी सच्चाई है?
फिलहाल, भारत की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही किसी ऐसे व्यापार समझौते की कोई विस्तृत जानकारी साझा की गई है। अगर सच में ऐसा कोई समझौता होता है, तो यह निश्चित रूप से भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
हालांकि, कुछ दिन पहले रॉयटर्स की एक खबर में यह जरूर कहा गया था कि भारत ने अमेरिका के सामने टैरिफ को कम करने का प्रस्ताव रखा है। उस प्रस्ताव के अनुसार, भारत अमेरिका से आयात होने वाली वस्तुओं पर औसतन 4 प्रतिशत का टैरिफ लगाएगा, जो कि अभी 13 प्रतिशत है। यानी, भारत अमेरिकी सामान पर औसतन 9 प्रतिशत की कटौती करने की बात कर रहा था।
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि अमेरिका ने भारत पर औसतन 13% के मुकाबले 26% का टैरिफ लगाया है। अमेरिका के इस टैरिफ वॉर को छेड़ने का मुख्य कारण उसका बढ़ता व्यापार घाटा है, जो आज एक ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है। इसका सीधा मतलब है कि अमेरिका जितना सामान दुनिया के देशों को बेचता है, उससे कहीं ज्यादा खरीदता है, जिससे उसे भारी नुकसान होता है।
तो क्या ट्रंप का 'जीरो टैक्स' वाला बयान हकीकत है या सिर्फ एक चुनावी जुमला?
यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया और व्यापार समझौते की विस्तृत जानकारी सामने आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। लेकिन अगर यह सच होता है, तो यह न केवल भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा। 'टैरिफ का तमाशा' खत्म होने से दोनों देशों के उपभोक्ताओं और व्यवसायों को राहत मिलेगी।
बहरहाल, हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि ट्रंप के इस दावे में कितना दम है और क्या वाकई भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के नए युग की शुरुआत होने वाली है। तब तक, यह खबर शेयर बाजार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की गलियारों में चर्चा का विषय बनी रहेगी।