महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती पर क्षत्रिय गौरव का भव्य आयोजन वाराणसी में
अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद द्वारा वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में वक्ताओं ने उनके साहस, स्वाभिमान और देशभक्ति को याद किया।

वाराणसी। भारतीय इतिहास के वीर पुरुष, महाराणा प्रताप की 485वीं जयंती को अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद द्वारा भव्य रूप से मनाया गया। आयोजन का केंद्र बना उदय प्रताप महाविद्यालय, जहाँ छात्र भवन परिसर में ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक विचारों से भरपूर एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
राष्ट्रगान और पुष्पांजलि से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई, जिसके बाद उपस्थित जनों ने महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूरा परिसर देशभक्ति और क्षत्रिय परंपरा के गर्व से ओतप्रोत दिखा।
मुख्य वक्ता: महाराणा प्रताप थे साहस और स्वाभिमान की मूर्ति
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता उमाशंकर सिंह ने कहा:
“महाराणा प्रताप केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और स्वाभिमान के प्रतीक थे। उन्होंने जीवन भर मुगल साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया और कभी भी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया।”
उन्होंने हल्दीघाटी के युद्ध का उल्लेख करते हुए प्रताप के साहस, रणनीति और त्याग की सराहना की।
इतिहास के संरक्षणकर्ता: पूर्व प्राचार्य अवध बिहारी सिंह
पूर्व प्राचार्य अवध बिहारी सिंह ने कहा:
“महाराणा प्रताप का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने राष्ट्र, संस्कृति और परंपराओं की रक्षा के लिए अद्वितीय संघर्ष किया।”
उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को महाराणा प्रताप जैसे चरित्रों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन: सूर्यबली सिंह
कार्यक्रम के अध्यक्ष सूर्यबली सिंह ने कहा:
“महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। वह भारत माता के सच्चे सपूत थे, जिनकी देशभक्ति आज भी प्रासंगिक है।”
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अन्य वक्ताओं के विचार
कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि से आए वक्ताओं ने महाराणा प्रताप के जीवन पर प्रकाश डाला।
प्रमुख वक्ता और प्रतिभागी:
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आर.सी. सिंह
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जगदीश त्रिपाठी
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पार्षद संदीप सिंह
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जोजो सिंह
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अमरनाथ सिंह
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सुरेंद्र सिंह
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अरविंद सिंह
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अमित रघुवंशी
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प्रेम नारायण सिंह
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रामनाथ सिंह
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आर.बी. सिंह
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चंद्रभूषण सिंह
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विवेकानंद सिंह
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सत्येंद्र सिंह
इन सभी ने महाराणा प्रताप के योगदान को क्षत्रिय समाज और समूचे राष्ट्र के लिए आदर्श बताया।
कार्यक्रम संचालन और धन्यवाद
कार्यक्रम का संचालन सर्वजीत शाही ने बड़े ही अनुशासित और उत्साहपूर्ण ढंग से किया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संजय सिंह गौतम ने करते हुए आयोजन की सफलता पर सभी को बधाई दी और भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने का संकल्प लिया।
निष्कर्ष
यह आयोजन न केवल महाराणा प्रताप के शौर्य, आत्मबलिदान और स्वाभिमान की याद दिलाता है, बल्कि आज के युवाओं को उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी देता है।
अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम क्षत्रिय समाज के गौरव, एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतीक बनकर उभरा।