मथुरा के संत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा, पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की मांग

मथुरा के संत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा, पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की मांग -

मथुरा के संत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा, पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की मांग

UP: मथुरा के संत ने अमेरिकी राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र...पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के लिए की ये मांग

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर मस्जिद केस के प्रमुख पक्षकार दिनेश फलाहारी महाराज ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खून से एक पत्र लिखा है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। इस पत्र में, महाराज ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का गंभीर आरोप लगाया और अमेरिका से पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने की अपील की।

यह पत्र विशेष रूप से हालिया पहलगाम हमले के संदर्भ में लिखा गया, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादियों का हाथ होने का संदेह जताया गया है। फलाहारी महाराज ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बन चुका है और वहां सैकड़ों आतंकवादी शिविर मौजूद हैं। उनका यह भी कहना था कि अगर अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने में सहयोग करता है, तो आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में मदद मिल सकती है।

पत्र में क्या कहा गया?

महाराज ने पत्र में लिखा, "पाकिस्तान आतंकवादियों का अड्डा बन चुका है। वहां सैकड़ों आतंकवादी शिविर मौजूद हैं और इन आतंकवादियों के जरिए निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है। अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मारा था, भारत ने भी पाकिस्तान में आतंकवादियों पर स्ट्राइक की थी। अब समय आ गया है कि अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करे, ताकि इस मुद्दे पर वैश्विक कार्रवाई हो सके।"

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि "अमेरिका आतंकवादियों के खिलाफ है, और अगर आप पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करते हैं तो इससे पूरी दुनिया में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आ सकती है। पाकिस्तान को आतंकवादियों को शरण देने की आदत छोड़नी होगी, और यह तभी संभव है जब आप इस मामले में प्रभावी कदम उठाएं।"

फलाहारी महाराज की प्रतिज्ञा

यह वही दिनेश फलाहारी महाराज हैं, जिन्होंने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर मस्जिद विवाद के संदर्भ में अपनी प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक मथुरा मंदिर से मस्जिद नहीं हटेगी, तब तक वे भोजन नहीं करेंगे और अपने पैरों में पादुका भी नहीं पहनेंगे। उनकी यह प्रतिज्ञा आज भी जारी है और वे तीन साल से ऊपर समय से इस पर अडिग हैं।

फलाहारी महाराज का मानना है कि मथुरा मंदिर पर मस्जिद का कब्जा भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का उल्लंघन है और जब तक यह मसला हल नहीं होता, वे अपनी प्रतिज्ञा को निभाएंगे।

पत्र के सोशल मीडिया पर पोस्ट होने का असर

फलाहारी महाराज ने इस पत्र को अपने एक्स (Twitter) अकाउंट से ट्वीट करके सार्वजनिक किया है, जिससे उनकी अपील अब सोशल मीडिया पर भी फैल चुकी है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वे पाकिस्तान पर दबाव डालकर उसे आतंकवादियों की शरणगाह बनने से रोकें और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में अहम भूमिका निभाएं।

निष्कर्ष

मथुरा के संत दिनेश फलाहारी महाराज द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति को भेजा गया यह खून से लिखा गया पत्र एक गंभीर संदेश देता है, जिसमें पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। फलाहारी महाराज का मानना है कि यदि पाकिस्तान पर वैश्विक स्तर पर दबाव डाला जाता है, तो आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सफलता मिल सकती है। साथ ही, उनका यह कदम मथुरा मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर उनकी ओर से उठाया गया एक और संघर्ष प्रतीत होता है, जो उन्हें समय-समय पर सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने की आदत रही है।