Nainital Violence: मासूम से दरिंदगी के बाद नैनीताल में भड़का गुस्सा, तीन घंटे तक पथराव, लाठीचार्ज और अराजकता
नैनीताल में मासूम से दरिंदगी के बाद भीड़ का गुस्सा भड़का। तीन घंटे तक पथराव, लाठीचार्ज और तोड़फोड़ हुई। सांप्रदायिक तनाव के हालात, भारी पुलिस बल तैनात।

नैनीताल। उत्तराखंड का शांत शहर नैनीताल बुधवार रात उस समय हिंसा की चपेट में आ गया जब एक मासूम बालिका से दुष्कर्म के आरोपी की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही जनाक्रोश भड़क उठा। तीन घंटे तक शहर में जमकर तोड़फोड़, पथराव और सांप्रदायिक तनाव का माहौल बना रहा। भीड़ ने दुकानों में तोड़फोड़ की, वाहनों को पलटा और पुलिस पर भी पथराव किया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
क्या है मामला?
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब शहर में यह सूचना फैली कि उस्मान नामक एक बुजुर्ग ठेकेदार ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है। इस खबर के फैलते ही लोग बड़ी संख्या में मल्लीताल क्षेत्र में इकट्ठा हो गए और गंभीर आक्रोश जाहिर किया।
तीन घंटे तक नैनीताल में उग्र प्रदर्शन
रात साढ़े 9 बजे से साढ़े 12 बजे तक, पूरे मल्लीताल क्षेत्र में हिंसा और तनाव का माहौल रहा।
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दूसरे समुदाय की दुकानों में जमकर तोड़फोड़ की गई।
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दुकानदारों को पीटा गया, उनका सामान फेंक दिया गया।
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वाहनों को पलट दिया गया, घरों पर ईंट-पत्थर बरसाए गए।
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500 मीटर से अधिक इलाके में अराजकता फैलाई गई।
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कोतवाली घेराव और आरोपी को सौंपने की मांग
हिंसक भीड़ ने मल्लीताल कोतवाली का घेराव किया और आरोपी को भीड़ के हवाले करने की मांग करने लगी।
भीड़ इतनी उग्र थी कि पुलिस बल को बार-बार पीछे हटना पड़ा। कोतवाली के बाहर धरने के दौरान "पाकिस्तान मुर्दाबाद" जैसे नारे भी लगाए गए।
धार्मिक स्थलों पर हमला, पथराव और लाठीचार्ज
भीड़ का गुस्सा इस हद तक बढ़ गया कि एक धार्मिक स्थल पर भी पथराव किया गया। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
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कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं।
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कई घरों के शीशे टूटे।
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गाड़ी पड़ाव बाजार में दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हुए।
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शहर में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद पूरे नैनीताल शहर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
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प्रशासन ने किसी भी भ्रामक सूचना से बचने की अपील की है।
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धारा 144 लागू करने की तैयारी की जा रही है।
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सोशल मीडिया पर निगरानी तेज कर दी गई है।
सवाल खड़े कर रही है प्रशासनिक चूक
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
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क्या प्रशासन को दुष्कर्म जैसी गंभीर वारदात के बाद सामुदायिक तनाव की आशंका नहीं थी?
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भीड़ नियंत्रण और गुप्तचर तंत्र की विफलता क्यों हुई?
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अब तक आरोपी पर क्या कार्रवाई हुई है?
निष्कर्ष: कानून हाथ में लेने से बिगड़ता है माहौल
नैनीताल की घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि किसी भी अपराध के खिलाफ आक्रोश, अगर कानून के दायरे से बाहर जाकर प्रकट किया जाए, तो इससे समाज में अराजकता और सांप्रदायिक तनाव फैलता है। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, मगर कानून व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
नैनीताल हिंसा के बाद तल्लीताल कोतवाली के बाहर हंगामा करते प्रदर्शनकारी, पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में करनी पड़ी मशक्कत।
– फोटो : सम्पन्न भारत
कैप्शन 2:
घटना से आक्रोशित लोगों ने कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया, सड़कों पर फैली अराजकता से शहर में दहशत का माहौल।
– फोटो : सम्पन्न भारत
कैप्शन 3:
नैनीताल में मासूम से दरिंदगी के बाद सांप्रदायिक तनाव, दूसरे समुदाय के लोगों से मारपीट करते गुस्साए प्रदर्शनकारी।
– फोटो : सम्पन्न भारत
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