Nirjala Ekadashi 2025 : काशी में बाबा विश्वनाथ को पहली बार चिनाब, झेलम, रावी, सिंधु और महाकुंभ का जल होगा अर्पित, खास होगा आयोजन
इस निर्जला एकादशी (6 जून 2025) पर वाराणसी में बाबा विश्वनाथ को पहली बार चिनाब, झेलम, रावी, सिंधु नदियों और महाकुंभ का जल अर्पित किया जाएगा। शिव बरात समिति द्वारा आयोजित इस विशेष अनुष्ठान में 1008 महिलाएं शामिल होंगी।

Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी, जो इस साल 6 जून 2025 को पड़ रही है, वाराणसी में एक बेहद खास और अनूठे आयोजन का गवाह बनने जा रही है। इस पावन अवसर पर, बाबा विश्वनाथ को पहली बार सुदूर उत्तर की महत्वपूर्ण नदियों - चिनाब, झेलम, रावी और सिंधु - का जल अर्पित किया जाएगा। इन चार नदियों के जल के साथ, बाबा को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का पवित्र जल भी चढ़ाया जाएगा, जिससे यह अभिषेक और भी विशेष हो जाएगा।
यह अनूठा आयोजन 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारतीय सेना के शौर्य को नमन करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जो देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। शिव बरात समिति ने निर्जला एकादशी पर इस ऐतिहासिक जलाभिषेक का निर्णय लिया है। सोमवार को ही इन चारों नदियों का जल काशी पहुंच चुका है, जिससे आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
समिति के इस निर्णय के तहत, काशी की 1008 महिलाएं बाबा विश्वनाथ का गंगा जल के साथ ही इन नदियों के पवित्र जल से अभिषेक करेंगी। यह पहली बार है जब लद्दाख और जम्मू कश्मीर की इन महत्वपूर्ण नदियों का जल बाबा विश्वनाथ के विशेष अनुष्ठान के लिए मंगाया गया है।
शिव बरात समिति के दिलीप सिंह ने इस पहल के बारे में बताते हुए कहा, "बाबा विश्वनाथ का देशभर की नदियों के जल से अभिषेक हो चुका है। इस बार हम लोगों ने निर्जला एकादशी पर जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख की नदियों से जलाभिषेक करने का निर्णय लिया था। इसके लिए चिनाब, झेलम, रावी और सिंधु नदी का जल विशेष रूप से मंगाया गया है।" उन्होंने यह भी बताया कि प्रयागराज से महाकुंभ का जल पहले से ही समिति द्वारा एकत्र करके रखा गया है, जो इस अभिषेक में शामिल होगा।
छह जून को बाबा विश्वनाथ की यह अनूठी जलाभिषेक यात्रा दशाश्वमेध घाट से आरंभ होगी। यह पहला मौका होगा जब इस भव्य आयोजन में 1008 महिलाओं को शामिल किया गया है, जो इस पवित्र अनुष्ठान को और भी दिव्य बनाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि देश की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता को भी एक सूत्र में पिरोने का एक सुंदर प्रयास है।