वाराणसी में दर्दनाक हादसा: स्कूल बस का इंतजार कर रहे मासूम को कुचलती गई कार, मां गंभीर, मासूम की मौत
वाराणसी में एक तेज रफ्तार कार ने बस का इंतजार कर रहे 12 वर्षीय छात्र और उसकी मां को कुचल दिया। हादसे में छात्र की मौके पर ही मौत हो गई, मां गंभीर हालत में ट्रामा सेंटर में भर्ती।

परिचय: रफ्तार की लापरवाही ने तोड़ दिया एक परिवार
वाराणसी जिले के चौबेपुर क्षेत्र में गुरुवार की सुबह एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा सामने आया, जिसमें एक स्कूली छात्र की मौत हो गई और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गईं। हादसा उस वक्त हुआ जब मां अपने बेटे को स्कूल बस में चढ़ाने के लिए सड़क किनारे खड़ी थीं। इसी दौरान एक बेकाबू कार ने दोनों को कुचलते हुए सड़क किनारे गड्ढे में पलटी खा ली। इस हादसे ने पूरे गांव में मातम फैला दिया।
हादसे की जगह: चौबेपुर के शाहपुर गांव के पास हाईवे पर कोहराम
घटना वाराणसी-गोरखपुर हाईवे पर स्थित शाहपुर गांव के पास की है। गांव निवासी अच्छे लाल राजभर की पत्नी रानी देवी (35) अपने बेटे शिवम (12) को स्कूल भेजने के लिए हर रोज की तरह सुबह घर से निकली थीं। शिवम चौबेपुर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6 का छात्र था।
जब दोनों हाईवे किनारे बस का इंतजार कर रहे थे, तभी तेज रफ्तार से आ रही एक कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। कार की रफ्तार इतनी अधिक थी कि वह टक्कर के बाद सीधे एक गड्ढे में जा गिरी।
मौत के साये में मासूम का सपना टूटा
हादसे में शिवम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मां रानी देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। राहगीरों और ग्रामीणों ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर दोनों को नरपतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने शिवम को मृत घोषित कर दिया। रानी देवी को तत्काल बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया, जहां उनकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
बेकाबू कार में बैठे तीन लोग भी घायल
जिस कार से हादसा हुआ, वह अविनाश पुत्र मृत्युंजय चला रहा था। कार में उसकी पत्नी मीना सिंह और बेटा प्रखर भी सवार थे। टक्कर के बाद गाड़ी के पलटने से वे तीनों भी घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने कार को कब्जे में लेकर कार चालक से पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही शिवम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
गांव में पसरा मातम, परिजन बदहवास
हादसे की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिवार के लोग अस्पताल पहुंचते ही बेहोश हो गए। रानी देवी की हालत गंभीर बनी हुई है, वहीं शिवम की मौत की खबर से परिवार पूरी तरह टूट चुका है। शिवम अपने माता-पिता की इकलौती संतान था, जिसका सपना डॉक्टर बनने का था।
ग्रामीणों ने प्रशासन से कार चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और हाईवे पर स्पीड ब्रेकर व सुरक्षा उपायों की मांग भी की है।
तेज रफ्तार: कब सुधरेगी लापरवाही की ये रफ्तार?
भारत में सड़क हादसे हर दिन हजारों जिंदगियां निगल रहे हैं। वाराणसी जैसे धार्मिक और व्यस्त शहर में हाईवे पर रफ्तार का कहर आम होता जा रहा है। यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि उस प्रशासनिक और सामाजिक लापरवाही का परिणाम है, जो समय रहते रोकी जा सकती थी।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया है और मामले की जांच की जा रही है। चौबेपुर थाना प्रभारी ने बताया कि कार चालक के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने और जानलेवा दुर्घटना का केस दर्ज किया जाएगा।
न्याय और व्यवस्था की जरूरत
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की गंभीर खामियों की ओर ध्यान खींचा है। सरकार और प्रशासन को अब न केवल दुर्घटनाओं के बाद कार्रवाई करनी चाहिए, बल्कि पूर्व-रोकथाम के उपाय भी सख्ती से लागू करने चाहिए। स्कूल समय में हाईवे के पास किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होना भी प्रशासन की चूक को दर्शाता है।
निष्कर्ष: एक मासूम की मौत, कई सवाल बाकी
वाराणसी का यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। क्या मासूम शिवम की मौत के बाद रफ्तार पर लगाम लगेगी? क्या अब प्रशासन हाईवे सुरक्षा के प्रति सतर्क होगा? इन सवालों का जवाब वक्त मांगेगा, लेकिन तब तक एक परिवार अपनी दुनिया उजड़ने का मातम मनाता रहेगा।