Nirjala Ekadashi 2025 : तुलसी के ये अचूक उपाय दिलाएंगे धन, स्वास्थ्य और खुशहाली

निर्जला एकादशी पर तुलसी के विशेष उपाय करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में धन-धान्य, बेहतर स्वास्थ्य और खुशहाली आती है। जानें 2025 में कब है निर्जला एकादशी और तुलसी के उपाय।

Nirjala Ekadashi 2025 : तुलसी के ये अचूक उपाय दिलाएंगे धन, स्वास्थ्य और खुशहाली

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। भगवान विष्णु को समर्पित यह व्रत भीमसेन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को श्री हरि की असीम कृपा मिलती है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इतना ही नहीं, निर्जला एकादशी के दिन तुलसी के कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में धन-धान्य, उत्तम स्वास्थ्य और परिवार में खुशहाली का आगमन होता है।

निर्जला एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में निर्जला एकादशी यानी ज्येष्ठ माह की एकादशी तिथि 6 जून को देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन, 7 जून को तड़के सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर होगा। उदया तिथि को महत्व देते हुए, निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून, शुक्रवार को रखा जाएगा।

निर्जला एकादशी पर तुलसी के चमत्कारी उपाय:

  1. दीपक और चुनरी अर्पित करें: निर्जला एकादशी के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। फिर तुलसी के पौधे के आसपास सफाई करें। तुलसी के पौधे के पास एक दीपक जलाएं और तुलसी माता को लाल रंग की चुनरी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

  2. शाम को घी का दीपक और परिक्रमा: निर्जला एकादशी की शाम को तुलसी के पौधे में अवश्य ही घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही, भगवान विष्णु के पवित्र मंत्रों का जाप करते हुए तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करें। यह धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार में व्याप्त कलह दूर होती है।

  3. तुलसी मंत्र, चालीसा और आरती: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करने के साथ-साथ तुलसी मंत्रों का जाप, तुलसी चालीसा का पाठ और तुलसी आरती अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करना अत्यंत शुभ फलदायी माना गया है। इससे व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  4. भोग में तुलसी का प्रयोग: भगवान विष्णु की पूजा में अर्पित किए जाने वाले भोग में तुलसी के पत्तों को अवश्य शामिल करना चाहिए। इसके लिए एकादशी से एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें। ध्यान रहे कि एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को स्पर्श करने और उसके पत्तों को तोड़ने से बचना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का उपयोग करने से वे प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के सभी दुखों को हर लेते हैं।

निर्जला एकादशी के दिन श्रद्धापूर्वक इन तुलसी उपायों को करने से व्यक्ति न केवल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा का पात्र बनता है, बल्कि अपने जीवन में धन, स्वास्थ्य और खुशहाली भी प्राप्त करता है। यह दिन तुलसी माता की महत्ता को समझने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।