नोएडा: 80 वर्षीय चित्रकार को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मिली 20 साल की सजा

नोएडा में 80 वर्षीय चित्रकार को नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने दोषी को जुर्माना भी लगाया।

नोएडा: 80 वर्षीय चित्रकार को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में मिली 20 साल की सजा

नोएडा: एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में 80 वर्षीय चित्रकार मोरिस राइडर को अदालत ने 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो की अदालत ने इस जघन्य अपराध पर अपना फैसला सुनाया। दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे न भरने पर उसे एक साल अतिरिक्त जेल में बिताना होगा।

पीड़िता के पिता अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए शिमला से नोएडा लेकर आए थे और उसे चित्रकार के पास छोड़ गए थे। लेकिन, चित्रकार ने विश्वासघात करते हुए पीड़िता को बंधक बनाकर रखा और हथियार दिखाकर सात साल तक उसका यौन शोषण करता रहा।

सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता ने 14 मई, 2022 को नोएडा के कोतवाली सेक्टर-39 में चित्रकार मोरिस राइडर, जो सेक्टर 46 नोएडा का निवासी है, के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। चित्रकार का शिमला में एक स्टूडियो था, जहां पीड़िता के पिता काम करते थे। पिता ने अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से चित्रकार से बात की और उसे दिल्ली भेज दिया। लेकिन, नोएडा आने के बाद चित्रकार ने पीड़िता को अपने घर में कैद कर लिया। आरोप है कि वर्ष 2015 से 2022 तक चित्रकार ने पहले पीड़िता के साथ डिजिटल रेप किया और फिर उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। पीड़िता के विरोध करने पर वह उसे हथियार दिखाकर डराता था और उसके परिवार को बर्बाद करने तथा उसकी छोटी बहन के साथ भी बलात्कार करने की धमकी देता था। डर के मारे पीड़िता ने सात साल तक किसी को कुछ नहीं बताया।

13 मई, 2022 को जब पीड़िता की बड़ी बहन अपने पति के साथ उससे मिलने पहुंची, तो पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद वह अपनी बहन के साथ कोतवाली गई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज कराने के बाद पीड़िता ने वह घर छोड़ दिया और वापस शिमला लौट गई। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद तेजी से जांच की और जुलाई 2022 में अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किए गए। पीड़िता का अदालत में दिया गया बयान और चित्रकार द्वारा फोन पर की गई अश्लील बातों की रिकॉर्डिंग इस मामले में सजा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुई।

अदालत ने चित्रकार को नाबालिग से बलात्कार का दोषी पाया और उसे 20 साल की कैद की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त, 50 हजार रुपये का जुर्माना न भरने पर एक साल की अतिरिक्त सजा और अन्य धाराओं में 7 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि दोषी चित्रकार की वर्तमान उम्र 80 वर्ष है, जबकि वर्ष 2015 में पीड़िता की उम्र मात्र 13 वर्ष थी।

पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी को पढ़ाने की उम्मीद से वर्ष 2013 में नोएडा भेजा था। चित्रकार ने भी पढ़ाने का वादा किया था, लेकिन उसने पीड़िता को बंधक बनाकर उसका यौन शोषण किया और उससे घर का काम भी कराया। पीड़िता ने अदालत में दिए अपने बयान में उस दर्दनाक अनुभव को विस्तार से बताया।

इन सात वर्षों के दौरान पीड़िता कई बार अपने घर वापस लौटी, लेकिन वह अपने परिवार को आपबीती बताने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। इस दौरान भी चित्रकार पीड़िता को फोन पर अश्लील बातें करता रहा। पीड़िता ने उसकी ऐसी तीन से चार रिकॉर्डिंग की थी, जो अदालत में चित्रकार को दोषी साबित करने में एक महत्वपूर्ण सबूत बनीं।