"विदेशी गणेश भी नहीं चाहिए": पीएम मोदी का आह्वान, सिंधु जल संधि पर भी उठाए सवाल
पीएम मोदी का आह्वान: विदेशी गणेश भी नहीं चाहिए, सिंधु जल संधि पर उठाए सवाल, ऑपरेशन सिंदूर को जनभागीदारी से आगे बढ़ाने का संकल्प।

गुजरात के गांधीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "ऑपरेशन सिंदूर" को जनभागीदारी से आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 6 मई की रात को हमारे सशस्त्र बलों की ताकत से शुरू हुआ "ऑपरेशन सिंदूर" अब लोगों की ताकत के साथ आगे बढ़ेगा। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि विदेशी सामानों पर निर्भरता कम करनी होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें गांव के व्यापारियों को भी विदेशी सामान न बेचने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि गणेश की मूर्तियां भी विदेश से आती हैं, जिनकी आंखें भी ठीक से नहीं खुलतीं। उन्होंने लोगों से 24 घंटे में उपयोग होने वाले विदेशी उत्पादों की सूची बनाने का आग्रह किया।
सिंधु जल संधि पर उठाए सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संधि बहुत खराब तरीके से की गई थी। इसके तहत भारत को कश्मीर में बांधों से गाद तक निकालने की अनुमति नहीं थी। उन्होंने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि को पढ़ने से झटका लगेगा। इसमें तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं होगी, गाद नहीं निकलेगी और तलछट साफ करने के लिए नीचे के गेट बंद रहेंगे। 60 साल तक ये गेट कभी नहीं खोले गए। जिन जलाशयों को 100 प्रतिशत क्षमता तक भरना था, वे अब केवल 2-3 प्रतिशत तक ही सीमित रह गए हैं।
बांधों की क्षमता बढ़ाने की शुरुआत
उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है और अपनी तरफ बांधों की क्षमता बढ़ानी शुरू कर दी है। ऐसा करने मात्र से ही वे परेशानी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि इसका समाधान 1947 में ही हो सकता था। अगर 1947 में हमने कश्मीर में घुसने वाले मुजाहिदीनों को मार गिराया होता, तो आज हमें ऐसी स्थिति और आतंकवाद का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने आतंकवाद को युद्ध रणनीति बताते हुए कहा कि यह प्रॉक्सी वार नहीं है, यह सीधा युद्ध है।
उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल का जिक्र करते हुए कहा कि वे 1947 में चाहते थे कि सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस ले ले, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। भारत के विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर उन्होंने कहा कि 2014 में भारत 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, लेकिन आज चौथे स्थान पर है।