प्रयागराज: हाईकोर्ट रेलवे पुल होगा ध्वस्त, जल्द बनेगा नया आरओबी, जाम से मिलेगी राहत

प्रयागराज में पुराने हाईकोर्ट रेलवे पुल को तोड़कर लगभग 80 करोड़ की लागत से नया आरओबी बनेगा। शहरवासियों को भारी ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, कई और फ्लाईओवर और पुलों की भी कार्य योजना तैयार।

May 2, 2025 - 15:21
May 2, 2025 - 15:22
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प्रयागराज: हाईकोर्ट रेलवे पुल होगा ध्वस्त, जल्द बनेगा नया आरओबी, जाम से मिलेगी राहत

                                                                                                हाईकोर्ट पानी टंकी का पुल।

प्रयागराज में पुराने शहर को नए शहर से जोड़ने वाला ऐतिहासिक हाईकोर्ट रेलवे पुल अब बीते जमाने की बात बनने वाला है। जर्जर हो चुके इस पुराने ओवरब्रिज को जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा और उसकी जगह पर 80 करोड़ रुपये की लागत से एक नया, अत्याधुनिक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) बनाया जाएगा। इस परियोजना से न सिर्फ शहर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि लंबे समय से चली आ रही ट्रैफिक जाम की समस्या से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी।

क्या है योजना?

हाईकोर्ट आरओबी की लंबाई लगभग 573 मीटर होगी और यह सीधे पुराने शहर को नए शहर से जोड़ेगा। यह ओवरब्रिज प्रयागराज के एक प्रमुख यातायात मार्ग पर स्थित है, जहां रोजाना हजारों वाहन और राहगीर गुजरते हैं। पुल की जर्जर स्थिति न सिर्फ यातायात के लिए खतरा बन चुकी है, बल्कि रोजाना लगने वाले जाम ने स्थानीय निवासियों की जिंदगी मुश्किल कर दी है।

लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस पुल के साथ-साथ शहर के अन्य क्षेत्रों में भी फ्लाईओवर, पुल और आरओबी की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली है। यह प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा गया है, और जैसे ही मंजूरी मिलेगी, निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।


यातायात सुधार की बड़ी पहल

प्रयागराज में सिर्फ हाईकोर्ट पुल ही नहीं, बल्कि अन्य स्थानों पर भी नए फ्लाईओवर और पुल बनने की योजना है। इनमें प्रमुख हैं:

  • सीएवी इंटर कॉलेज से केपी इंटर कॉलेज के बीच लगभग 142 करोड़ रुपये की लागत से 850 मीटर लंबा फ्लाईओवर।

  • नैनी से शहर को जोड़ने के लिए 620 करोड़ रुपये की लागत से 1543 मीटर लंबा पुल, जो नए यमुना पुल के समानांतर बनाया जाएगा।

  • झूंसी से शहर को जोड़ने के लिए 1431 करोड़ रुपये की लागत से 2980 मीटर लंबा पुल सलोरी हेतापट्टी पर प्रस्तावित है।

इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य शहर को भविष्य के ट्रैफिक दबाव के लिए तैयार करना है।


स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की भूमिका

PWD के मुख्य अभियंता धर्मेंद्र कुमार अहिरवार ने जानकारी दी कि शहर के जनप्रतिनिधियों और जिलाधिकारी से प्राप्त सुझावों के आधार पर यह योजनाएं तैयार की गई हैं। शासन से मंजूरी मिलने के बाद सभी परियोजनाओं पर तेजी से कार्य शुरू किया जाएगा।

यह प्रयास न केवल ट्रैफिक की समस्या का समाधान है, बल्कि यह प्रयागराज को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहरी केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।


क्या मिलेगा फायदा?

  • जाम से राहत: रोजाना हाईकोर्ट ओवरब्रिज पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी।

  • यात्रा में सुगमता: शहर के पुराने और नए क्षेत्रों के बीच आवाजाही सुगम होगी।

  • विकास को बढ़ावा: बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार, पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

  • सुरक्षा में सुधार: पुराने, जर्जर पुलों को हटाकर नए स्ट्रक्चर से सड़क सुरक्षा में वृद्धि होगी।


निष्कर्ष

प्रयागराज का बदलता चेहरा अब सिर्फ धार्मिक और शैक्षणिक पहचान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह आधुनिक शहरी ढांचे और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी जाना जाएगा। हाईकोर्ट रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

शहर के नागरिकों के लिए यह परिवर्तन आने वाले वर्षों में बेहतर जीवनशैली, सुरक्षित यात्रा और ट्रैफिक से राहत के रूप में सामने आएगा। प्रशासन और पीडब्ल्यूडी की योजनाएं यह साबित करती हैं कि प्रयागराज अब स्मार्ट सिटी मिशन की सोच के साथ कदम से कदम मिला रहा है।

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