प्रयागराज डबल मर्डर: सिर्फ 20 हजार रुपये के लिए राजमिस्त्री ने कर दी बुजुर्ग दंपती की निर्मम हत्या

प्रयागराज के नैनी में 20 हजार रुपये के विवाद में राजमिस्त्री ने टीसीआई रिटायर्ड अधिकारी और उनकी पत्नी की हथौड़ी से पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने सीसीटीवी और कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया।

प्रयागराज डबल मर्डर: सिर्फ 20 हजार रुपये के लिए राजमिस्त्री ने कर दी बुजुर्ग दंपती की निर्मम हत्या

पूरा घटनाक्रम - हत्या की खौफनाक साजिश

प्रयागराज के नैनी क्षेत्र की एडीए कॉलोनी में सोमवार को दोपहर का समय था। दो बुजुर्ग – अरुण कुमार श्रीवास्तव (65) और उनकी पत्नी मीना श्रीवास्तव (60) – अपने घर के भीतर थे। दोनों सामान्य दिन की तरह ही जीवन जी रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि आज का दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। एक शख्स, जिसे वे पहले से जानते थे, उनके दरवाजे पर आया – राजमिस्त्री श्यामबाबू। उसने दरवाजा खटखटाया, और जैसे ही दरवाजा खुला, उसने भीतर प्रवेश कर लिया।

वह अपने साथ एक झोला लेकर आया था, जिसमें ईंट-गिट्टी तोड़ने वाली हथौड़ी रखी थी। झोले से हथौड़ी निकाली और पहले अरुण श्रीवास्तव पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। पत्नी मीना बीच-बचाव को आईं, तो उसने उन्हें भी कमरे में घुसकर मार डाला। हत्या के बाद आरोपी ने दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया और चुपचाप वहां से निकल गया।


कैसे हुआ खुलासा? CCTV और मोबाइल डेटा से अपराधी पहुंचा सलाखों के पीछे

दंपती के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। वह दो बार आते-जाते दिखाई दिया – एक बार 27 अप्रैल की रात को और दूसरी बार 28 अप्रैल की दोपहर में। उसके कपड़ों, झोले और गमछे ने पुलिस को उसके हुलिए तक पहुंचाया। मोबाइल कॉल डिटेल रिपोर्ट से लोकेशन की पुष्टि हुई।

शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने बातों को घुमाने की कोशिश की, लेकिन जब सख्ती बढ़ी, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस के मुताबिक, उसने बताया कि दंपती के मकान में वह काम कर चुका था और उसका 20 हजार रुपये बकाया था। बार-बार मांगने पर भी रुपये नहीं दिए गए, बल्कि गालीगलौज और थप्पड़ का सामना करना पड़ा। इसी अपमान और गुस्से ने उसे हत्यारा बना दिया।


हत्या के पीछे की वजह - सिर्फ 20 हजार रुपये?

राजमिस्त्री श्यामबाबू की कहानी जितनी साधारण लगती है, उतनी ही खौफनाक भी है। एक ऐसा व्यक्ति जो रोजी-रोटी के लिए मेहनत करता है, उसने कैसे इतना बड़ा कदम उठा लिया? उसका कहना है कि अपमान ने उसे हिला दिया और उसने बदला लेने की ठान ली। उसने अपने मन में पहले से हथियार तैयार कर रखे थे – यानी हत्या पूर्व नियोजित थी।


घर से नहीं हुई कोई लूटपाट – पुलिस का दावा

हत्या के बाद पुलिस को शक था कि लूटपाट की भी मंशा रही होगी। लेकिन तीनों अलमारियां, गहने और नकदी सुरक्षित मिले। परिजनों ने भी बताया कि कोई सामान गायब नहीं है। यानी हत्या सिर्फ आपसी विवाद और बकाया रकम के कारण की गई।


नकाबपोश कातिल का खुलासा – गमछा, झोला और सीढ़ियों की कहानी

सीसीटीवी फुटेज ने हत्यारे की पहचान में अहम भूमिका निभाई। उसने नारंगी गमछा से चेहरा ढका हुआ था, सफेद झोला लटकाया हुआ था और चेकदार शर्ट के साथ भूरे रंग की पैंट पहनी थी। उसने घर के बाहर से आवाज लगाई, और फिर अंदर जाकर वारदात को अंजाम दिया।

फुटेज में यह भी देखा गया कि वापसी में उसने तेज़ी से चलकर घर छोड़ा और मेन गेट को ताले से बंद कर गया, ताकि कोई जल्दी अंदर न पहुंच सके। मगर किरायेदार की सतर्कता से हत्या का पता चल गया।


पुलिस की कार्रवाई – आरोप साबित, जेल भेजा गया आरोपी

डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र के निर्देशन में जांच टीम ने त्वरित कार्रवाई की। नैनी पुलिस व एसओजी की संयुक्त जांच से 48 घंटे के भीतर मामला सुलझा लिया गया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया और फिर जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्य पुख्ता हैं और जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी।


सवाल – क्या बकाया न चुकाने पर हत्या का जवाब हो सकता है?

यह हत्याकांड केवल एक अपराध नहीं है, यह समाज के सामने एक आईना भी है। क्या 20 हजार रुपये जैसी राशि के लिए दो निर्दोष लोगों की जान ले लेना न्याय है? क्या मजदूर और मालिक के बीच की दरार इतनी बड़ी हो चुकी है कि उसे खून से भरा जाए? यह घटना एक चेतावनी है – सामाजिक संवाद, सम्मान और विवाद निपटारे के तंत्र को दुरुस्त करने की।