ईरान में फंसे पंजाब के तीन युवक, एजेंटों ने फिरौती के लिए किया अगवा
दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया जा रहे पंजाब के तीन युवकों को ईरान में एजेंटों ने अगवा कर लिया और रिहाई के बदले करोड़ों रुपये की फिरौती मांग रहे हैं। पीड़ितों के परिजनों ने पुलिस और एनआरआई मंत्री से मदद की गुहार लगाई है।

दिल्ली से बेहतर भविष्य की तलाश में ऑस्ट्रेलिया के लिए निकले पंजाब के तीन युवकों के साथ एक दर्दनाक घटना घटी है। इन युवकों को, जिन्हें एजेंटों ने ईरान में कुछ समय के लिए ठहरने का झांसा दिया था, असल में अगवा कर लिया गया है। अब उनके परिवारों से उनकी सुरक्षित रिहाई के बदले में भारी भरकम फिरौती की मांग की जा रही है, जिससे पीड़ित परिवारों में दहशत का माहौल है।
पीड़ित युवकों की पहचान संगरूर जिले के धुरी निवासी हुशनप्रीत सिंह, नवांशहर के जसपाल सिंह और होशियारपुर के अमृतपाल सिंह के रूप में हुई है। ये तीनों युवक ऑस्ट्रेलिया में रोजगार की उम्मीद लेकर निकले थे, लेकिन धोखेबाज एजेंटों के जाल में फंस गए।
इस गंभीर मामले में होशियारपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक महिला समेत तीन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ अपहरण और धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपितों में ट्रैवल एजेंट धीरज और कमल के साथ एक अज्ञात महिला भी शामिल है, जिन पर युवकों को अगवा करने और उनके परिवारों को डराने-धमकाने का आरोप है।
अपने बेटों की सुरक्षा को लेकर चिंतित परिजन अब हरसंभव मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से भी मुलाकात कर उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी है और अपने बच्चों को सुरक्षित वापस लाने में मदद करने की अपील की है।
मामले की गंभीरता को समझते हुए, एनआरआई मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रही है और विदेश मंत्रालय के माध्यम से इन युवकों को सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनके साथ है और उनके बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
यह घटना एक बार फिर उन धोखेबाज एजेंटों के काले कारनामों को उजागर करती है जो बेहतर भविष्य का सपना दिखाने वाले युवाओं को अपने जाल में फंसाकर उनकी जिंदगी को खतरे में डालते हैं। पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने और युवकों की सुरक्षित वापसी के लिए अब सरकार और विदेश मंत्रालय की सक्रिय भूमिका महत्वपूर्ण होगी।