जाति जनगणना पर राहुल गांधी का केंद्र से सवाल: "समयसीमा बताएं, हम समर्थन को तैयार"
राहुल गांधी ने जाति जनगणना के फैसले का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार से समयसीमा और बजट आवंटन की मांग की, साथ ही तेलंगाना मॉडल को सराहा।

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित जाति जनगणना के फैसले का समर्थन करते हुए सरकार से इसकी समयसीमा और बजट आवंटन की स्पष्ट जानकारी मांगी है। बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जातिगत आंकड़ों की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि जनसंख्या की वास्तविक सामाजिक स्थिति को जानने के लिए यह जरूरी है।
जातिगत आंकड़े जानना जरूरी: राहुल
राहुल गांधी ने कहा, “नरेंद्र मोदी कहते हैं कि सिर्फ चार जातियां होती हैं — गरीब, मध्यम वर्ग, अमीर और बहुत अमीर। लेकिन इन चारों के भीतर कौन कहां खड़ा है, यह जानने के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है।” उन्होंने कहा कि यह केवल पहला कदम है, लेकिन इससे आगे भी सरकार को ठोस काम करना होगा।
तेलंगाना बना मॉडल, बिहार से तुलना
कांग्रेस नेता ने तेलंगाना में कराई गई जाति गणना को एक आदर्श मॉडल बताते हुए कहा कि वहां की कांग्रेस सरकार ने विशेषज्ञों और जनता को साथ लेकर सर्वेक्षण पूरा किया। उन्होंने इसे बंद कमरों में नौकरशाहों के द्वारा तैयार की गई नीति के उलट बताया।
राहुल ने यह भी जोड़ा कि बिहार और तेलंगाना दोनों ने जाति गणना कराई, लेकिन दोनों की प्रक्रिया में गुणवत्ता और पारदर्शिता के स्तर पर अंतर है।
बजट आवंटन और पारदर्शिता की मांग
राहुल गांधी ने सरकार से मांग की कि जाति जनगणना के लिए बजट का आवंटन, तारीख की घोषणा, और जनसहभागिता के आधार पर प्रक्रिया की रूपरेखा तय की जाए। उन्होंने कहा कि “हमें लोगों की जनगणना चाहिए, नौकरशाहों की नहीं।"
राजनीतिक संकेत
यह बयान ऐसे समय आया है जब 2024 लोकसभा चुनाव के बाद सामाजिक न्याय और समावेशन की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। जातिगत आंकड़े और सामाजिक-आर्थिक वर्गीकरण पर आधारित नीतियों को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है।