आत्मनिर्भर भारत: संघ परिवार का राष्ट्रव्यापी स्वदेशी आंदोलन, चीनी उत्पादों के बहिष्कार का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी आह्वान को समर्थन देते हुए, संघ परिवार से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच (SJM) 'स्वदेशी, सुरक्षा और स्वावलंबन अभियान' शुरू करने जा रहा है। इसका लक्ष्य विदेशी, खासकर चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के स्वदेशी आह्वान को अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े संगठनों का भी पुरजोर समर्थन मिल रहा है। स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देशव्यापी जन आंदोलन की तैयारी कर ली है। SJM जल्द ही ‘स्वदेशी, सुरक्षा और स्वावलंबन अभियान’ का आगाज करेगा, जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशी वस्तुओं, विशेषकर चीनी उत्पादों के बहिष्कार को एक राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन में परिवर्तित करना और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से अपील की थी कि हर गांव और शहर के व्यापारी यह संकल्प लें कि वे विदेशी सामान नहीं बेचेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि छोटी-छोटी वस्तुओं से लेकर भगवान गणेश की मूर्तियों तक, जब तक स्वदेशी विकल्पों को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य अधूरा रहेगा।
संघ से जुड़े संगठनों की सक्रियता:
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने इस पहल पर जोर देते हुए कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब न केवल सैन्य मोर्चे पर मजबूत हो रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन देशों से व्यापारिक दूरी बनाना आवश्यक है जो पाकिस्तान के साथ भारत विरोधी रुख अपनाते हैं, क्योंकि युद्ध और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते।
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि भले ही देश में चीनी वस्तुओं का आंशिक बहिष्कार हो रहा है, लेकिन कई माध्यमों से यह सामान अब भी भारत में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री का स्वदेशी का संदेश और संघ परिवार का यह राष्ट्रव्यापी अभियान आज की महती आवश्यकता है।
स्वदेशी जागरण मंच का विस्तृत रोडमैप:
इस राष्ट्रव्यापी अभियान को सफल बनाने के लिए SJM ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसके चार प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं:
- व्यापारी प्रतिज्ञा अभियान: इस अभियान के तहत देश भर के छोटे और बड़े दुकानदारों तथा व्यापारियों से यह संकल्प करवाया जाएगा कि वे अब विदेशी सामान नहीं बेचेंगे और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे।
- जन जागरूकता अभियान: विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के महत्व और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के लाभों के बारे में समाज के सभी वर्गों के बीच व्यापक स्तर पर संवाद और प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।
- स्टार्टअप और MSME को प्रोत्साहन: 'मेक इन इंडिया' पहल को और गति देने के लिए, SJM स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को तकनीकी और सामाजिक सहायता प्रदान करेगा, ताकि वे स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा दे सकें।
- शोध और नवाचार: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) और अन्य प्रमुख तकनीकी संस्थानों से यह आग्रह किया जाएगा कि वे विदेशी उत्पादों के प्रभावी स्वदेशी विकल्प विकसित करने के लिए गहन शोध और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करें।
युवा और महिला शक्ति की महत्वपूर्ण भागीदारी:
SJM इस आंदोलन को केवल एक भावनात्मक अपील तक सीमित नहीं रखना चाहता है। इसलिए, उनका विशेष ध्यान युवा शक्ति, महिला स्वयं सहायता समूहों, तकनीकी विशेषज्ञों, स्टार्टअप संस्थापकों और अनुसंधान संस्थानों को इस आंदोलन से सक्रिय रूप से जोड़ने पर होगा। उनका मानना है कि इन वर्गों की भागीदारी से यह आंदोलन एक ठोस और टिकाऊ आर्थिक विकल्प के रूप में स्थापित हो सकेगा।
आत्मनिर्भर भारत का संकल्प:
संघ परिवार का दृढ़ विश्वास है कि जब तक भारत हर क्षेत्र में स्वदेशी को पूरी तरह से नहीं अपनाता है, तब तक 'आत्मनिर्भर भारत' की परिकल्पना अधूरी ही रहेगी। यही कारण है कि यह अभियान मात्र एक विचार या अपील नहीं है, बल्कि वर्ष 2047 तक भारत को एक आत्मनिर्भर, विकसित और स्वाभिमानी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का एक सामूहिक संकल्प है। इस दिशा में स्वदेशी जागरण मंच का यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।