शेयर बाजार में लौटी बहार, शुरुआती गिरावट के बाद सेंसेक्स 1200 अंक उछला, निफ्टी भी 25 हजार के पार
Indian stock market rebounds sharply with Sensex climbing 1200 points and Nifty crossing 25,000 at closing, driven by US-India trade deal hopes and falling oil prices.

भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का दिन शानदार साबित हुआ. शुरुआती कारोबार में भले ही कुछ अस्थिरता देखने को मिली, लेकिन बाजार बंद होते-होते निवेशकों में जबरदस्त उत्साह दिखा. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 1200.18 अंकों यानी 1.48% की जोरदार बढ़त के साथ 82,530.74 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 395.20 अंकों यानी 1.60% की शानदार तेजी के साथ 25,062.10 अंकों पर क्लोज हुआ.
शेयर बाजार में आई इस तेजी के पीछे कई प्रमुख कारण माने जा रहे हैं, जिसमें सबसे अहम है भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते (ट्रेड डील) के जल्द ही संपन्न होने की उम्मीद. आइए जानते हैं इस तेजी के मुख्य कारण और आज के टॉप गेनर व लूजर शेयरों के बारे में:
अमेरिका-भारत ट्रेड समझौते की उम्मीद:
भारतीय शेयर बाजार में तेजी का सबसे बड़ा कारण अमेरिका और भारत के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर बनी सकारात्मक उम्मीद है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान ने इस उम्मीद को और मजबूत किया है. कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ एक बैठक में ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिका को एक ऐसे सौदे की पेशकश की है जिसमें दोनों देशों के बीच बिना किसी टैरिफ के व्यापार हो सकता है. रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने ट्रंप के इस बयान को उद्धृत किया, जिसके बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल बन गया. निवेशकों को उम्मीद है कि यह समझौता दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए फायदेमंद साबित होगा.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट:
फ्यूचर्स ट्रेड में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है. वैश्विक बाजारों में कमजोर मांग के संकेतों के बीच गुरुवार को कच्चे तेल का वायदा भाव 137 रुपये गिरकर 5,264 रुपये प्रति बैरल पर आ गया. तेल की कीमतों में कमी को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आम तौर पर अच्छा माना जाता है, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का लगभग 75% से 80% कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है. तेल की कीमतों में गिरावट से आयात बिल कम होने और महंगाई पर अंकुश लगने की संभावना बढ़ती है.
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें:
रियल्टी (रियल एस्टेट) और मेटल (धातु) सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में आज खासकर तेजी देखी गई, जिसके पीछे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें हैं. अप्रैल महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर 3.16 फीसदी पर आ गई है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय किए गए 4 फीसदी के लक्ष्य से काफी नीचे है. इससे पहले मार्च में भी खुदरा महंगाई दर 3.34 फीसदी रही थी. महंगाई दर के लगातार अनुमानों से कम रहने के कारण अब यह उम्मीद बढ़ रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले महीने जून में होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के दौरान एक बार फिर रेपो रेट में कटौती कर सकता है. ब्याज दरों में कटौती से इन क्षेत्रों की कंपनियों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो सकता है, जिससे उनके कारोबार में वृद्धि की संभावना बढ़ती है.
आज के कारोबार में इन सकारात्मक कारकों के चलते शेयर बाजार में चौतरफा खरीदारी देखने को मिली और निवेशकों ने जमकर मुनाफा कमाया. हालांकि, बाजार के जानकारों का मानना है कि निवेशकों को अभी भी सतर्क रहने और सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है.